सजा थाल कहां चली
ओ पूगल की पद्मिनी
नख शिख श्रृंगार रचा
ओ रूपसी मृगनयनी !
कहां चली गज गामिनी
मधुर स्मित रेख होठ धरी
रत्न जड़ित दृग जुडवां
शुक नासिका भ्रमरी !
मुख उजास चंद्रिका सदृश
गुलाब घुल्यो ज्यों क्षीर सागर
मन मोहिनी मन हरणीं
गात लचक ज्यों चंपक डार!
शीश बोरलो झबरक झूमे
चँद्र टिकुली चढी लिलार
काना झुमका नथ मोतियन की
सजा गले में नव लख हार!
ओ मधुकरी मनस्वी
कंगना खनके खनन-खनन
करधन लचकत डोला जाय
पग पायल की रुनझुन-रुनझुन!
ओ गौरा सी सुभगे
कहां चली चित चोर
सांझ दीपिका झिलमिल
कभी उगती भोर!
कुसुम कोठारी
ओ पूगल की पद्मिनी
नख शिख श्रृंगार रचा
ओ रूपसी मृगनयनी !
कहां चली गज गामिनी
मधुर स्मित रेख होठ धरी
रत्न जड़ित दृग जुडवां
शुक नासिका भ्रमरी !
मुख उजास चंद्रिका सदृश
गुलाब घुल्यो ज्यों क्षीर सागर
मन मोहिनी मन हरणीं
गात लचक ज्यों चंपक डार!
शीश बोरलो झबरक झूमे
चँद्र टिकुली चढी लिलार
काना झुमका नथ मोतियन की
सजा गले में नव लख हार!
ओ मधुकरी मनस्वी
कंगना खनके खनन-खनन
करधन लचकत डोला जाय
पग पायल की रुनझुन-रुनझुन!
ओ गौरा सी सुभगे
कहां चली चित चोर
सांझ दीपिका झिलमिल
कभी उगती भोर!
कुसुम कोठारी
पूगल री पद्मिनी के सौंदर्य का आपने जो शब्दचित्र अपने अपने सृजन में किया है, वह अद्भुत है परंतु जौहर का भी वही गुण स्त्रियों में होना चाहिए दी, इस आधुनिक युग में।
ReplyDeleteसही कहा आपने पर ये सिर्फ शृंगार रचना थी आगे कभी जौहर पर भी जरूर लिखूंगी।
Deleteबहुत बहुत आभार आपका भाई।
सादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार(28-01-2020 ) को " चालीस लाख कदम "(चर्चा अंक - 3594) पर भी होगी
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
...
कामिनी सिन्हा
आपका चर्चा मंच पर चर्चाकार के रूप में आना बहुत सुखद बहुत बहुत बधाई ।
Deleteमेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।
मैं चर्चा पर जरुर रहूंगी।
बहुत सुंदर लेखन सखि कुसुमजी
ReplyDeleteसस्नेह आभार नीतू जी आपकी प्रतिक्रिया से रचना सार्थक हुई।
Deleteबेहद खूबसूरत रचना सखी
ReplyDeleteआपका स्नेह सखी!
Deleteसदा स्नेह मिलता रहता है आपका ।
सस्नेह आभार।
बेहद प्यारी रचना कुसुम जी , सादर नमस्कार
ReplyDeleteवाह!!!!
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत सृजन।