आवाज शमा की
आवाज दी शमा ने ओ परवाने
तूं क्यों नाहक जलता है।
मेरी तो नियति ही जलना
तूं क्यों मुझसे लिपटता है ।
परवाना कहता आहें भर ,
तेरी नियति मेरी फितरत
जलना दोनो की ही किस्मत
तूं तो रहती जलती है
मै तुझ से पहले बुझ जाता हूं।
आवाज दी शमा ने ओ परवाने
तूं क्यों नाहक जलता है।
मैं तो जलती जग रौशन करने,
तूं क्या देता दुनिया को
बस नाहक जल जल मरता है !
तूं जलती जग के खातिर
जग तुझ को क्या देता है
बस खुद को खो देती हो तो
काला धब्बा रहता है ।
आवाज दी शमा ने ओ परवाने
तूं क्यों नाहक जलता है।
मेरे फना होते ही हवा
मेरे पंख ले जाती है
रहती ना मेरे जलने की कोई निशानी
बस इतनी सी मेरी तेरी कहानी है ।
बस इतनी सी मेरी तेरी कहानी है।
कुसुम कोठारी ।
आवाज दी शमा ने ओ परवाने
तूं क्यों नाहक जलता है।
मेरी तो नियति ही जलना
तूं क्यों मुझसे लिपटता है ।
परवाना कहता आहें भर ,
तेरी नियति मेरी फितरत
जलना दोनो की ही किस्मत
तूं तो रहती जलती है
मै तुझ से पहले बुझ जाता हूं।
आवाज दी शमा ने ओ परवाने
तूं क्यों नाहक जलता है।
मैं तो जलती जग रौशन करने,
तूं क्या देता दुनिया को
बस नाहक जल जल मरता है !
तूं जलती जग के खातिर
जग तुझ को क्या देता है
बस खुद को खो देती हो तो
काला धब्बा रहता है ।
आवाज दी शमा ने ओ परवाने
तूं क्यों नाहक जलता है।
मेरे फना होते ही हवा
मेरे पंख ले जाती है
रहती ना मेरे जलने की कोई निशानी
बस इतनी सी मेरी तेरी कहानी है ।
बस इतनी सी मेरी तेरी कहानी है।
कुसुम कोठारी ।