शुभ दीपमालिका
दीप मालिका दीप ज्योति संग
भर-भर खुशीयां लाई
नवल ज्योति की पावन आभा
प्रकाश पुंज ले आई
प्रज्वलित करने मन प्रकाश को
दीपशिखा लहराई
पुलकित गात,मुदित उर बीच
ज्यों स्नेह धारा बह आई
अमावस के अंधियारे पे
दीप चांदनी छाई
मन तारों ने झंकृत हो
गीत बधाई गाई
चहूं और उल्लास प्रदिप्त
घर-घर खुशियां छाई
मन मयूर कर नृतन कहे
लो दीप मालिका आई ।
कुसुम कोठारी ।
दीप मालिका दीप ज्योति संग
भर-भर खुशीयां लाई
नवल ज्योति की पावन आभा
प्रकाश पुंज ले आई
प्रज्वलित करने मन प्रकाश को
दीपशिखा लहराई
पुलकित गात,मुदित उर बीच
ज्यों स्नेह धारा बह आई
अमावस के अंधियारे पे
दीप चांदनी छाई
मन तारों ने झंकृत हो
गीत बधाई गाई
चहूं और उल्लास प्रदिप्त
घर-घर खुशियां छाई
मन मयूर कर नृतन कहे
लो दीप मालिका आई ।
कुसुम कोठारी ।
बहुत सुंदर रचना कुसुम जी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteआपको भी ढेरों शुभकामनाएं सखी। बहुत सा आभार त्वरित प्रतिक्रिया का सर्व मंगलमय हो।
Deleteब्लॉग बुलेटिन टीम और मेरी ओर से आप सब को छोटी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं|
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 06/11/2018 की बुलेटिन, " जल गया है दीप तो अंधियार ढल कर ही रहेगा “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जी सादर आभार रचना को मान देने हेतू मैं सदा अनुग्रहित रहूंगी।
Deleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
बहुत सुंदर रचना !👌👌👌
ReplyDeleteदीप पर्व की आभा लिए सुन्दर भावपूर्ण रचना ...
ReplyDeleteआपको दीपावली की हार्दिक बधाई ...
जी आपको भी सभी विगत और आगत त्योहारों की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआपकी उत्साह वर्धक प्रतिक्रिया का सादर आभार।