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Tuesday, 6 November 2018

दीपमालिका

शुभ दीपमालिका

दीप मालिका दीप ज्योति संग
भर-भर खुशीयां लाई
नवल ज्योति की पावन आभा 
प्रकाश पुंज ले आई
प्रज्वलित करने मन प्रकाश को
दीपशिखा लहराई
पुलकित गात,मुदित उर बीच
ज्यों स्नेह धारा बह आई
अमावस के अंधियारे पे
दीप  चांदनी  छाई
मन तारों ने झंकृत हो
गीत  बधाई  गाई
चहूं और उल्लास प्रदिप्त
घर-घर खुशियां छाई
मन मयूर कर नृतन कहे
लो दीप मालिका आई ।

    कुसुम कोठारी ।

7 comments:

  1. बहुत सुंदर रचना कुसुम जी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

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    1. आपको भी ढेरों शुभकामनाएं सखी। बहुत सा आभार त्वरित प्रतिक्रिया का सर्व मंगलमय हो।

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  2. ब्लॉग बुलेटिन टीम और मेरी ओर से आप सब को छोटी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं|


    ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 06/11/2018 की बुलेटिन, " जल गया है दीप तो अंधियार ढल कर ही रहेगा “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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    Replies
    1. जी सादर आभार रचना को मान देने हेतू मैं सदा अनुग्रहित रहूंगी।
      दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  3. दीप पर्व की आभा लिए सुन्दर भावपूर्ण रचना ...
    आपको दीपावली की हार्दिक बधाई ...

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  4. जी आपको भी सभी विगत और आगत त्योहारों की हार्दिक शुभकामनाएं।
    आपकी उत्साह वर्धक प्रतिक्रिया का सादर आभार।

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