कुसुम की कुण्डलियाँ-४
13 जीवन
जीवन जल की बूंद है,क्षण में जाए छूट,
यहां सिर्फ काया रहे , प्राण तार की टूट ,
प्राण तार की टूट, धरा सब कुछ रह जाता
जाए खाली हाथ ,बँधी मुठ्ठी तू आता ,
कहे कुसुम ये बात , सदा कब रहता सावन ,
सफल बने हर काल, बने उत्साही जीवन ।।
14 उपवन
महका उपवन आज है, निर्मेघ नभ अतुल्य
द्रुम पर पसरी चाँदनी ,दिखती चाँदी तुल्य
दिखती चाँदी तुल्य ,हिया में प्रीत जगाती,
भूली बिसरी याद, चाह के दीप जलाती
पहने तारक वस्त्र , निशा का आँगन चमका ,
आये साजन द्वार , आज सुरभित मन महका ।।
15 कविता
रूठी रूठी शल्यकी ,गीत लिखे अब कौन ,
कैसे मैं कविता रचूं , भाव हुए हैं मौन ,
भाव हुए हैं मौन , नही अवली में मोती
नंदन वन की गंध , उड़ी उजड़ी सी रोती ,
कहे कुसुम ये बात ,बिना रस लगती झूठी ,
सुनो सहचरी मूक , नहीं रहना तुम रूठी ।।
16 ममता
ममता माया छोड़ दी, छोड़ दिया संसार ,
राग अक्ष से बँध गया, नहीं मोक्ष आसार,
नही मोक्ष आसार , रही अन्तर बस आशा ,
अपना आगत भूल , फिरे शफरी सा प्यासा ,
कहे कुसुम ये बात हृदय में पालो समता
रहो सदा निर्लिप्त ,रखो निर्धन से ममता।।
कुसुम कोठारी।।
13 जीवन
जीवन जल की बूंद है,क्षण में जाए छूट,
यहां सिर्फ काया रहे , प्राण तार की टूट ,
प्राण तार की टूट, धरा सब कुछ रह जाता
जाए खाली हाथ ,बँधी मुठ्ठी तू आता ,
कहे कुसुम ये बात , सदा कब रहता सावन ,
सफल बने हर काल, बने उत्साही जीवन ।।
14 उपवन
महका उपवन आज है, निर्मेघ नभ अतुल्य
द्रुम पर पसरी चाँदनी ,दिखती चाँदी तुल्य
दिखती चाँदी तुल्य ,हिया में प्रीत जगाती,
भूली बिसरी याद, चाह के दीप जलाती
पहने तारक वस्त्र , निशा का आँगन चमका ,
आये साजन द्वार , आज सुरभित मन महका ।।
15 कविता
रूठी रूठी शल्यकी ,गीत लिखे अब कौन ,
कैसे मैं कविता रचूं , भाव हुए हैं मौन ,
भाव हुए हैं मौन , नही अवली में मोती
नंदन वन की गंध , उड़ी उजड़ी सी रोती ,
कहे कुसुम ये बात ,बिना रस लगती झूठी ,
सुनो सहचरी मूक , नहीं रहना तुम रूठी ।।
16 ममता
ममता माया छोड़ दी, छोड़ दिया संसार ,
राग अक्ष से बँध गया, नहीं मोक्ष आसार,
नही मोक्ष आसार , रही अन्तर बस आशा ,
अपना आगत भूल , फिरे शफरी सा प्यासा ,
कहे कुसुम ये बात हृदय में पालो समता
रहो सदा निर्लिप्त ,रखो निर्धन से ममता।।
कुसुम कोठारी।।
सुन्दर कुंडलियां
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत कुण्डलियाँ सखी
ReplyDeleteजीवन, उपवन, कविता ... अपने आप में बहुत लाजवाब हैं सभी कुंडलियाँ ...
ReplyDeleteएक से बढ़कर कर एक सुंदर लाजबाब कुंडलियां ,सादर नमन आपको
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