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Wednesday, 29 January 2020

मधुबन में बसंत

मधुबन में बसंत

आज न कोई आना मधुबन में
आज लग्यो मधुमास सखी ,
आज नव मधुमास की
है सुरभित मधु वात सखी,
किसलय डोले कमल दल खिले
भ्रमर करे गूँजार सखी,
कच्ची कली कचनार की
झूमे मलय संग आज सखी ,
स्वर्ग से देव -देवी आये
ऐसी शोभा मन भाये सखी,
सुरपति आज बरसावे
सुरभित पारिजात सखी,
तारक दल शोभित अंबर
चंद्र अनुराग गुलाल सखी,
कृष्ण नही पाहन
वो राधा की श्वास सखी,
चिनमय चिदानँद माधव
बृषभानु सुता श्रृंगार सखी,
आज न कोई आना मधुबन में
आज राधा संग कृष्ण रचाये रास सखी ।।

कुसुम कोठारी।


7 comments:

  1. कोमल, मधुर ,सकारात्मक एवं बसंत का आह्वान करता सृजन, नमन दी

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  2. आज न कोई आना मधुबन में
    आज लग्यो मधुमास सखी ,
    आज नव मधुमास की
    है सुरभित मधु वात सखी..
    बेहतरीन और अप्रतिम सृजन कुसुम जी ..कोमलकांत शब्दावली में गुथेंं भावों ने रचना की सुन्दरता को द्विगुणित कर दिया ।

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  3. आज नव मधुमास की
    है सुरभित मधु वात सखी,
    किसलय डोले कमल दल खिले
    भ्रमर करे गूँजार सखी, बहुत सुंदर अभिव्यक्ति सखी👌👌👌

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  4. बहुत ही सुंदर

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  5. This comment has been removed by the author.

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  6. बहुत सुंदर पंक्तियाँ हैं आदरणीया दीदी जी 👌बिल्कुल मधुबन सी मनमोहक।
    सादर प्रणाम 🙏

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  7. राधा कृष्ण के प्रेम रस में डूबी सुंदर सृजन ,सादर नमन कुसुम जी

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