बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं ।
वागीश्वरी स्तुति
वंदन करूँ तुझ पाद कमल मैं
माँ मेधा से भर दे झोली ,
अगनित शीश झुके तेरे आगे
मेरा नमन भी स्वीकृत करले ,
धवल वसन मनोहर झांकी
तक-तक आँख निहाल ,
हाथ में वीणा वरद-हस्त
कुमुद पुष्प आसन विराज,
भजन न जानु दीप न चासूँ
फिर भी माँगू विद्या दान ,
तुझ चरण पखारूं वागीश्वरी
दे-दे विनय का वरदान ,
जासे मैं मूरखा भी तोरे नाम
लिख डारूँ भजन सुजान
माँ मेधा ......।।
कुसुम कोठारी ।
वागीश्वरी स्तुति
वंदन करूँ तुझ पाद कमल मैं
माँ मेधा से भर दे झोली ,
अगनित शीश झुके तेरे आगे
मेरा नमन भी स्वीकृत करले ,
धवल वसन मनोहर झांकी
तक-तक आँख निहाल ,
हाथ में वीणा वरद-हस्त
कुमुद पुष्प आसन विराज,
भजन न जानु दीप न चासूँ
फिर भी माँगू विद्या दान ,
तुझ चरण पखारूं वागीश्वरी
दे-दे विनय का वरदान ,
जासे मैं मूरखा भी तोरे नाम
लिख डारूँ भजन सुजान
माँ मेधा ......।।
कुसुम कोठारी ।
हृदयस्पर्शी सरस्वती वंदना कुसुम जी जी ,बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 30.1.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3596 में दिया जाएगा । आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी ।
ReplyDeleteधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
शुभकामनाएं वसन्त पंचमी की। सुन्दर रचना।
ReplyDeleteमा वीणावादिनी की सुंदर, भावपूर्ण अभ्यर्थना प्रिय कुसुम बहन। आपको बहन पंचमी किया हार्दिक शुभकामनायें और बधाई 🙏🙏🙏🌹🌹🌹😊
ReplyDeleteजय माँ शारदे 🌹 बहुत सुंदर अभिव्यक्ति 👌👌
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