कुसुम की कुण्डलियाँ ५
१७ -विषय- बाबुल
बाबुल तेरा अंगना ,छोड़ चली हूं आज ,
हाथ में मेंहदी रची , आंखों में है लाज
आंखों में है लाज , सजा सपने मतवाली ,
आज चली परदेश ,लाड़ से पलने वाली
कहे कुसुम ये बात , ब्याह कर भेजा काबुल ,
पूछे बेटी आज ,दूर क्यों भेजा बाबुल।
१८-विषय- भैया
राखी भेजी प्रेम से ,प्रेम भरा उपहार।
भैया यादों में रखो ,गूंथ पुष्प ज्यों हार।
गूंथ पुष्प ज्यों हार , सहेजे बहना तेरी
रखना मन में प्यार , यही विनती है मेरी,
कहे कुसुम ये बात , एक उपवन के पाखी
बहता है अनुराग ,भाव है सुंदर राखी।
१९ -विषय-बहना
बहना कहे उदास हो , छूटा अब परिवार ,
मां बाबा की लाडली , चली दूसरे द्वार ,
चली दूसरे द्वार , भरा नयनों में पानी ,
भ्राता कहे भर अंक , रहे तू बनके रानी ,
मैं तो तेरे साथ , मान तू मेरा कहना ,
यही जगत की रीत , खुशी से रह तू बहना ।
२० -विषय-सखियाँ
सखियाँ सुख की खान है , मीठा मधु रस पान ,
हिलमिल हँसती खेलती , एक एक की प्राण ,
एक एक की प्राण , खुशी में झूमे नाचे
करे कुंज में केलि , हाथ सुरंग रँग राचे ,
कहे कुसुम ये बात ,रखो पुतली भर अखियाँ,
ये जीवन का सार , जगत में प्यारी सखियाँ। ।।
कुसुम कोठारी।
१७ -विषय- बाबुल
बाबुल तेरा अंगना ,छोड़ चली हूं आज ,
हाथ में मेंहदी रची , आंखों में है लाज
आंखों में है लाज , सजा सपने मतवाली ,
आज चली परदेश ,लाड़ से पलने वाली
कहे कुसुम ये बात , ब्याह कर भेजा काबुल ,
पूछे बेटी आज ,दूर क्यों भेजा बाबुल।
१८-विषय- भैया
राखी भेजी प्रेम से ,प्रेम भरा उपहार।
भैया यादों में रखो ,गूंथ पुष्प ज्यों हार।
गूंथ पुष्प ज्यों हार , सहेजे बहना तेरी
रखना मन में प्यार , यही विनती है मेरी,
कहे कुसुम ये बात , एक उपवन के पाखी
बहता है अनुराग ,भाव है सुंदर राखी।
१९ -विषय-बहना
बहना कहे उदास हो , छूटा अब परिवार ,
मां बाबा की लाडली , चली दूसरे द्वार ,
चली दूसरे द्वार , भरा नयनों में पानी ,
भ्राता कहे भर अंक , रहे तू बनके रानी ,
मैं तो तेरे साथ , मान तू मेरा कहना ,
यही जगत की रीत , खुशी से रह तू बहना ।
२० -विषय-सखियाँ
सखियाँ सुख की खान है , मीठा मधु रस पान ,
हिलमिल हँसती खेलती , एक एक की प्राण ,
एक एक की प्राण , खुशी में झूमे नाचे
करे कुंज में केलि , हाथ सुरंग रँग राचे ,
कहे कुसुम ये बात ,रखो पुतली भर अखियाँ,
ये जीवन का सार , जगत में प्यारी सखियाँ। ।।
कुसुम कोठारी।
बेटी के जीवन की सारी रिश्तों और लम्हों को पिरोता सुंदर सृजन ,सादर नमन कुसुम जी
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