. कोरी किताब
आज नई कोरी किताब खरीद लूंगी।
कल सभी कडवी यादों को
विदा कर पहले पन्ने पर
सभी सुखद क्षणों को
सहेज कर रख लूंगी
अगला पन्ना प्यार स्नेह से भर दूंगी
अपने सभी अपनों को
निमंत्रण अगले पन्ने पर दूंगी।
आके सभी लिख देना
साथ बिताई अपनी अच्छी यादें
सुखद क्षण , कुछ अच्छे विचार
फिर उस किताब की कुछ प्रतिलिपि
बनवा भेज दूंगी सभी अपनों को।
मै सहेज रख लूंगी मेरी किताब को।
कुसुम कोठारी।
आज नई कोरी किताब खरीद लूंगी।
कल सभी कडवी यादों को
विदा कर पहले पन्ने पर
सभी सुखद क्षणों को
सहेज कर रख लूंगी
अगला पन्ना प्यार स्नेह से भर दूंगी
अपने सभी अपनों को
निमंत्रण अगले पन्ने पर दूंगी।
आके सभी लिख देना
साथ बिताई अपनी अच्छी यादें
सुखद क्षण , कुछ अच्छे विचार
फिर उस किताब की कुछ प्रतिलिपि
बनवा भेज दूंगी सभी अपनों को।
मै सहेज रख लूंगी मेरी किताब को।
कुसुम कोठारी।
वाह वाह बहुत सुंदर भाव
ReplyDeleteआभार सखी हृदय तल से।
Deleteबहुत उम्दा सोच .... लाजवाब रचना
ReplyDeleteकुछ हमारी भी तरफ से
काश ज़िंदगी किताब होती
तो कितनी लाजवाब होती
फाड़ देते उन सभी पन्नों को
जिस दिन की यादें ख़राब होती
लिखते सुनहरे अक्षरों से
किस्मत के अफ़साने
गुम हो जाते इस जहाँ से
दर्द के तराने
काश ज़िंदगी किताब होती
सखी आपने सीधा छक्का लगा दिया गूगली पर वाह क्या कहने आपकी प्रतिक्रिया के ।
Deleteस्नेह आभार ।
वाह बेहतरीन ......
ReplyDeleteजब जागो तभी सवेरा
आ जिंदगी
नव पन्ने लिखे नया सवेरा
वाह सुंदर बात खुद जगो तभी हो सवेरा सूरज तो पूरे जग के लिये जलता है जगता है।
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