स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
तीन रंग का पहने बाना
फहरा रहा जो शान से
आज क्यों कुछ गमगीन है
जिस गर्व से था फहरा ,जो थे उद्देश्य
सभी अधूरे , ढ़ह रहे मनसूबे
लाखों की बलिवेदी पर लहराया था तिरंगा
क्या उन शहीदों का कर्ज चुका पाये?
सोचो हम जो श्वास ले रहे स्वतंत्रता की
वो हवा कहाँ से आई
कितनी माँओं ने सपूत खोये
कितनी बहनों ने भाई ।
आज स्वार्थ का बेपर्दा होता खेल ,
तीन रंग का पहने बाना
फहरा रहा जो शान से
आज क्यों कुछ गमगीन है
जिस गर्व से था फहरा ,जो थे उद्देश्य
सभी अधूरे , ढ़ह रहे मनसूबे
लाखों की बलिवेदी पर लहराया था तिरंगा
क्या उन शहीदों का कर्ज चुका पाये?
सोचो हम जो श्वास ले रहे स्वतंत्रता की
वो हवा कहाँ से आई
कितनी माँओं ने सपूत खोये
कितनी बहनों ने भाई ।
आज स्वार्थ का बेपर्दा होता खेल ,
भ्रष्टाचार,आंतक,दुराचार का दुष्कर मेल
आज चुड़ीयाँ छोड़ हाथ मे लेनी है तलवार
कोई मर्म तक छेद न जाये, पहले करने होंगें वार
आजादी का मूल्य पहचान लें
तो ही खुलेंगे मन के तार
हर तरह के दुश्मनों का जीना करदो दुश्वार
आओ तिरंगे के नीचे हम आज करें यह प्रण
देश धर्म रक्षा हित सब कुछ हो निस्तृण ।
कुसुम कोठारी ।
कोई मर्म तक छेद न जाये, पहले करने होंगें वार
आजादी का मूल्य पहचान लें
तो ही खुलेंगे मन के तार
हर तरह के दुश्मनों का जीना करदो दुश्वार
आओ तिरंगे के नीचे हम आज करें यह प्रण
देश धर्म रक्षा हित सब कुछ हो निस्तृण ।
कुसुम कोठारी ।
आप को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 बेहद खूबसूरत 👌👌👌✍
ReplyDeleteजय हिंद सखी आपको भी स्वाधीनता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं।
Deleteसस्नेह आभार सखी।
सार्थक रचना ...
ReplyDelete१५ अगस्त को भी हम यदि इतिहास न याद करें और मन में सेश प्रेम का भाव जगाएँ रो कब करेंगे ...
जय हिंद वंदेमातरम् स्वाधीनता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं। आपकी सक्रिय प्रतिक्रिया सदा मार्ग दर्शन करती है ।
Deleteसादर आभार।
बहुत बहुत आभार अमित जी आपकी सार्थक प्रतिक्रिया से रचना सार्थक हुई ।
ReplyDeleteजय हिंद।