. नव गीत १४ १४
विश्वास
. नैया डोली धारा में
दिखता नहीं किनारा था।
टूटी थी मन की आशा
तेज धार मझधारा था।
होंठ प्यास से सूखे थे
सागर पानी खारा था
आँखो में भय की छाया
पास न कोई चारा था ।
टूटी थी.......
कर को जोड़ दुआ मांगी
प्रभु ही एक दुलारा था।
हाथ थामने आयेगा
दृढ़ विश्वास हमारा था ।
टूटी थी.....
देखा फिर भारी अचरज
पास खड़ा इक नाविक था
ज्ञानी जन सच कहते हैं
तुम बिन कौन सहारा था ।
टूटी थी.....
कुसुम कोठारी।
विश्वास
. नैया डोली धारा में
दिखता नहीं किनारा था।
टूटी थी मन की आशा
तेज धार मझधारा था।
होंठ प्यास से सूखे थे
सागर पानी खारा था
आँखो में भय की छाया
पास न कोई चारा था ।
टूटी थी.......
कर को जोड़ दुआ मांगी
प्रभु ही एक दुलारा था।
हाथ थामने आयेगा
दृढ़ विश्वास हमारा था ।
टूटी थी.....
देखा फिर भारी अचरज
पास खड़ा इक नाविक था
ज्ञानी जन सच कहते हैं
तुम बिन कौन सहारा था ।
टूटी थी.....
कुसुम कोठारी।
एक भरोसो एक बल एक आस बिस्वास।
ReplyDeleteएक राम घन स्याम हित चातक तुलसीदास।
उचित कहा आपने दी।
बहुत बहुत आभार आपका भाई आपकी त्वरित प्रतिक्रिया से सदा उत्साह वर्धन होता है।
Deleteदेखा फिर भारी अचरज
ReplyDeleteपास खड़ा इक नाविक था
ज्ञानी जन सच कहते हैं
तुम बिन कौन सहारा था ।
अद्भुत सृजन....भक्ति भाव से ओतप्रोत अत्यंत सुन्दर नवगीत ।
जी जरूर आना ही हैं पाँच लिंक में आना मेरे लिए सदा सौभाग्य का विषय है।
ReplyDeleteसस्नेह आभार।
बहुत बहुत आभार आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से सदा उर्जा मिलती है।
ReplyDeleteकर को जोड़ दुआ मांगी
ReplyDeleteप्रभु ही एक दुलारा था।
हाथ थामने आयेगा
दृढ़ विश्वास हमारा था । बेहतरीन रचना सखी 👌
वाह! बहुत आनंदित करने वाला नवगीत रचा है आपने आदरणीया कुसुम दीदी. लयबद्ध सृजन अपने आप में एक विशेष आकर्षण बन जाता है. बधाई हो दीदी.
ReplyDeleteबहुत खूब प्रिय कुसुम बहन | शब्दचित्र के माध्यम से विशवास की महिमा और विशवास की विजय श्री का क्या कहना | सस्नेह --
ReplyDeleteHii
ReplyDeleteWhich is correct, Tamil or Tamizh | कौन सा सही है, तमिल या तमीज़?
ReplyDeleteWhat Is The Full Form Of FACT | Fact meaning in Hindi.
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