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Wednesday, 12 February 2020

कुण्ड़लिया कृष्ण के २६ नाम

भगवान श्रीकृष्ण के२६ नाम से बनी
कुंडलिया।

नागर नटखट निर्गुणी , गोविंदा गोपेश ।
अजया अचला अक्षरा, दामोदर देवेश ।
दामोदर देवेश  , दानवेन्द्रो दुखभंजन ।
जगन्नाथ जगदीश,  सर्वपालक सुखरंजन ।
योगिश्वर यदुराज ,अनादिह अच्युत आगर ।
सत्यवचन सद्रूप  ,निरंजन नटवर नागर।।
                            कुसुम कोठारी ।

18 comments:

  1. हरि बोल..
    बहुत सुंदर कुसुम जी।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका भाई त्वरित प्रतिक्रिया से रचना को प्रवाह मिला।

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  2. राधे राधे प्रिय कुसुम बहन | भगवान् सगरी कृष्ण के नाम वो भी कुंडली विधा में |सुंदर सार्थक प्रयास | सस्नेह

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    1. आत्मीय आभार रेणु बहन आपने रचना गूंथन के मर्म को समझा ,आपका स्नेह और आपकी उत्साहवर्धक उपस्थिति सदा लेखन को नये आयाम देती है।
      सस्नेह आभार।

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  3. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 13 फरवरी 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. बहुत बहुत आभार आपका सखी, मैं आज दिल से चाह रही थी कि ये मेरा प्रयास आज चर्चा लिकों पर हो तो बहुत अच्छा लगेगा, आपने मेरी मुराद सुन ली बहुत-बहुत आभार।
      सादर।

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  4. अद्भुत लेखन, बहुत सुंदर सखी,जय श्री कृष्णा 👌🌹🌹

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    1. आपकी सुंदर सराहना पाकर मन में उत्साह वर्धन हुआ।
      सस्नेह आभार आपका सखी।

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  5. बहुत सुन्दर

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    1. जी आत्मीय आभार आपका।

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    1. सस्नेह आभार आपका ज्योति बहन।
      आपकी प्रतिक्रिया सदा उत्साहवर्धन करती है ।
      सस्नेह।

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  7. बहुत ही सुंदर ,अदभुत सृजन ,राधे राधे कुसुम जी

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  8. श्री कृष्ण जी 26 नामों से बनाई आपकी कुण्डलियाँ
    बहुत ही लाजवाब एवं नायाब है....अद्भुत और अविस्मरणीय भी।
    वाह!!!!
    कोटिश नमन आपको और आपकी लेखनी को।

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  9. वाह!!कुसुम जी ,अद्भुत!!🙏

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  10. आपकी प्रतिभाशाली क़लम को सादर प्रणाम दी।
    बहुत सुंदर सृजन।

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  11. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (14-02-2020) को "प्रेम दिवस की बधाई हो" (चर्चा अंक-3611) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    आँचल पाण्डेय

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  12. बहुत सुंदर रचना आदरणीया कुसुम दीदी. कान्हा जी के 26 नाम पर आपकी शोध को नमन. साहित्यकारों को ऐसी रचनाएँ सहेजकर रखनी चाहिए.
    बहुत सुंदर रचना जो भक्तिभाव से परिपूर्ण है.

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