Followers

Tuesday, 25 February 2020

ओ कविता

नव गीत
ओ कविता

टूटे पंखों से लिखदूँ मैं,
बना लेखनी वो कविता ।
जाने कैसे हुई तिरोहित,
मेरे मन की ओ कविता ।

भाव हृदय के मूक हुए हैं,
सहचरी मेरी क्यों रुठी।
आज गगरिया छलका दो तुम,
गीतों की लय भी टूटी।
काव्य सरस सा रचना चाहूं,
प्राची की तू बन सविता।
टूटे पंखों से लिखदूँ मैं,
बना लेखनी वो कविता ।

नंदन वन की भीनी सौरभ,
मंजुषा में बंद ज्यों है।
काव्य क्षितिज भी सूना सूना,
वर्णछटा फीकी क्यों है।
झरने नीरव,रुकी घटाएं,
धीमी धीमी है सरिता।
टूटे पंखों से लिखदूँ मैं,
बना लेखनी वो कविता ।

अंतर लेख उतर कर नीचे,
आज शल्यकी में ढ़ल जा।
ओ मेरे अंतस की गंगा,
पावस ऋतु बन कर फल जा।
मंदिर का दीपक बन जलना,
करे प्रार्थना ये विनिता।
टूटे पंखों से लिखदूँ मैं,
बना लेखनी वो कविता ।।

भाव सीपिज बांधकर अवली,
सुधा चुरा लूं चंदा से।
चंचल किरणे रचूँ पत्र पर,
करतब सीखूं वृंदा से।
चटकी कलियाँ फूल खिला दूँ,
पनधट बोध लिखूं कविता।
टूटे पंखों से लिखदूँ मैं,
बना लेखनी वो कविता ।।

       कुसुम कोठारी।

5 comments:

  1. वाह !लाज़वाब सृजन आदरणीय दीदी
    सादर

    ReplyDelete
  2. वाह बेहतरीन रचना सखी 👌👌

    ReplyDelete
  3. सुन्दर प्रस्तुति

    ReplyDelete
  4. Easy "water hack" burns 2 lbs OVERNIGHT

    More than 160k men and women are using a easy and secret "water hack" to burn 1-2 lbs every night in their sleep.

    It's proven and works on anybody.

    Here's how to do it yourself:

    1) Take a glass and fill it half full

    2) Proceed to do this crazy hack

    so you'll be 1-2 lbs lighter the very next day!

    ReplyDelete