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Thursday, 1 March 2018












रंग और खुशी जो ले के आई
सब कहते हैं होली
आ हमसफर तू राह बना दे
मै भी साथ हो  ली
रुख पर तूने जो रंग डाला
उस दिन तेरी हो  ली
आ सब गिले शिकवे भुला दें
खूब खेलें हम होली
झनक झनक पैजनीया छनके
नाच नचाये होली
रंग गुलाल की इस महफिल में
फाग सुनाये होली
तन सूखा मन रंग जाए
ऐसी स्नेह की होली
चलो चलें हम आज सभी के
संग मनायें होली ।
       कुसुम कोठारी।

1 comment:

  1. वाह्ह्ह....अति सुंदर रचना दी...सुंदर👌👌
    रंग खुशी रंग उमंग रंग ही हृदय उल्लास
    रंग नहीं तो जीवन सूना है कोरा कैनवास

    रंग सुहाग रंग ही फाग रंग से सुरभित बाग
    रंग लो तन-मन रचा रंगोली होली है सौगात

    रंगों का साथ आपके जीवन में सदैव बरसता रहे यही कामना है मेरी दी।

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