रंग और खुशी जो ले के आई
सब कहते हैं होली
आ हमसफर तू राह बना दे
मै भी साथ हो ली
रुख पर तूने जो रंग डाला
उस दिन तेरी हो ली
आ सब गिले शिकवे भुला दें
खूब खेलें हम होली
झनक झनक पैजनीया छनके
नाच नचाये होली
रंग गुलाल की इस महफिल में
फाग सुनाये होली
तन सूखा मन रंग जाए
ऐसी स्नेह की होली
चलो चलें हम आज सभी के
संग मनायें होली ।
कुसुम कोठारी।
वाह्ह्ह....अति सुंदर रचना दी...सुंदर👌👌
ReplyDeleteरंग खुशी रंग उमंग रंग ही हृदय उल्लास
रंग नहीं तो जीवन सूना है कोरा कैनवास
रंग सुहाग रंग ही फाग रंग से सुरभित बाग
रंग लो तन-मन रचा रंगोली होली है सौगात
रंगों का साथ आपके जीवन में सदैव बरसता रहे यही कामना है मेरी दी।