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Friday, 10 July 2020

हमारे सैनिक : मुक्तक

मुक्तक मापनी युक्त 1222

1 हुतात्मा
हुतात्मा वे अमर होंगी  दिये है प्राण सीमा पर ।
करें वंदन मचा क्रंदन भरा हर ओर जय का स्वर ।
बहाकर रक्त निज तन का बचाते देश का गौरव।
निछावर कर चले सब कुछ वतन पर वारकर निज सर।।

2 हमारे वीर
उठा कर हाथ में मिट्टी  सदा सर पर लगाते हैं।
हमारे वीर सीमा पर  विजय की लौ  जगाते हैं।
रखे सर हाथ में चलते  निछावर जान करते जो।
कदर करते सदा उनकी सदा सर भी नवाते हैं।।

3 हमारे प्रहरी
लिखेंगें लेख उनके हम कहानी शोर्य की कहते।
करें क्या बात उनकी हम गहन वो वार भी सहते।
सुरक्षा देश की करने समर्पण भाव अर्पित कर।
हमारे  वीर सीमा पर डटे तत्पर सदा रहते।।

कुसुम कोठारी'प्रज्ञा'

10 comments:

  1. Replies
    1. बहुत बहुत आभार आदरणीय।
      आपकी प्रतिक्रिया से उत्साह वर्धन हुआ।

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  2. बेहद सराहनीय मुक्तक दी।
    सादर।

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    1. बहुत बहुत आभार प्रलय श्वेता।

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    2. प्रिय श्वेता।

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  3. बेहद खूबसूरत मुक्तक सखी 🌹

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    1. बहुत बहुत आभार सखी, उत्साहवर्धन के लिए।

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  4. शानदार मुक्तक

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    1. बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।

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  5. बहुत बहुत आभार आपका।चर्चा मंच पर रचना को शामिल करने केलिए।
    सस्नेह।

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