नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
नवल ज्योति की धवल ज्योत्सना
स्वर्णिम रश्मियों से सज आई ,
विगत वर्ष को जाते जाते दे दें
देखो आज भाव भरी विदाई,
भूलें वो सब जो था दुखदायी ,
नव प्रभात का स्वागत करलें ,
अंजुली भर लें स्नेह धूप से ,
बांटे प्रेम भरी सौगातें , पीड़ा ले लें
कुछ फूल खिलादें, पेड़ लगादे ,
निर्बल निर्धन को सहारा दे दें ,
ऐसा मंजुल नव वर्ष मनालें ।।
कुसुम कोठारी।
नवल ज्योति की धवल ज्योत्सना
स्वर्णिम रश्मियों से सज आई ,
विगत वर्ष को जाते जाते दे दें
देखो आज भाव भरी विदाई,
भूलें वो सब जो था दुखदायी ,
नव प्रभात का स्वागत करलें ,
अंजुली भर लें स्नेह धूप से ,
बांटे प्रेम भरी सौगातें , पीड़ा ले लें
कुछ फूल खिलादें, पेड़ लगादे ,
निर्बल निर्धन को सहारा दे दें ,
ऐसा मंजुल नव वर्ष मनालें ।।
कुसुम कोठारी।
बहुत सुंदर पंक्तियाँ आदरणीया दीदी जी।
ReplyDeleteआपको भी नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएँ। सादर प्रणाम 🙏
सस्नेह,नव वर्ष की अनंत शुभकामनाएं प्रिय बहना।
Deleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति
आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
हार्दिक शुभकामनाएं,
Deleteबहुत बहुत आभार आपका।
बहुत बहुत आभार आपका चर्चा मंच पर मेरी रचना को शामिल करने के लिए।
ReplyDeleteमैं उपस्थित रहूंगी।
बहुत बहुत आभार आपका।
ReplyDelete