मेथी का विवाह।
एक निमंत्रण देख कर मन हुआ आवाक
करेले ने ब्याह रचाया कोमल मेथी के साथ ,
सजे-धजे बाराती लौकी ,भिंडी,आलू-प्याज,
बेंगन जी इठला रहे थे, हुआ टमाटर शर्म से लाल,
टेढ़ी-मेढ़ी अदरक ने पहना नया सूट
गाजर मूली ढूंढ़ रहे थे अपने अपने बूट,
नारियल ने जोटी से गूंथी चोटी
कद्दू कहे हाय छुपाऊं कैसे तोंद मोटी,
पालक की हरी अगंडाई, तुरई बोली पहनु साड़ी
टिंडा जी खड़े उदास पांव दर्द है मंगा लो गाड़ी,
खीरा ,ककड़ी, सीम,ग्वार खड़े थे समधी के द्वार
परवल बोली मुझे बुखार पहले देदो गोली चार,
गोभी,मटर धनिया,अलसाया पर ना चला कोई बहाना
लहसुन पुछे कहां जाना भूल गई मैं तो ठिकाना,
मालिन बोली उठा कर डंडी
पहुंचों सब कोई "सब्जीमंडी "।
एक निमंत्रण देख कर मन हुआ आवाक
करेले ने ब्याह रचाया कोमल मेथी के साथ ,
सजे-धजे बाराती लौकी ,भिंडी,आलू-प्याज,
बेंगन जी इठला रहे थे, हुआ टमाटर शर्म से लाल,
टेढ़ी-मेढ़ी अदरक ने पहना नया सूट
गाजर मूली ढूंढ़ रहे थे अपने अपने बूट,
नारियल ने जोटी से गूंथी चोटी
कद्दू कहे हाय छुपाऊं कैसे तोंद मोटी,
पालक की हरी अगंडाई, तुरई बोली पहनु साड़ी
टिंडा जी खड़े उदास पांव दर्द है मंगा लो गाड़ी,
खीरा ,ककड़ी, सीम,ग्वार खड़े थे समधी के द्वार
परवल बोली मुझे बुखार पहले देदो गोली चार,
गोभी,मटर धनिया,अलसाया पर ना चला कोई बहाना
लहसुन पुछे कहां जाना भूल गई मैं तो ठिकाना,
मालिन बोली उठा कर डंडी
पहुंचों सब कोई "सब्जीमंडी "।
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना शुक्रवार ६ दिसंबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
शानदार निमन्त्रण पत्र प्रिय कुसुम 👌👌
ReplyDeleteवाह!!कुसुम जी ,शादियों के मौसम में ,शानदार विवाह👌
ReplyDeleteवाह !! बहुत खूब !! शादी से पूर्व की गहमागहमी और मालिन जी का आदेश !! बहुत सुन्दर सृजन कुसुम जी ।
ReplyDeleteसब्जी बेचने वाले को पकड़ा दो ये रचना।
ReplyDeleteशायद उनके लिए ज्यादा उपयोगी सिद्ध हो।
👌🏼👌🏼👌🏼👌🏼
पधारें 👉👉 मेरा शुरुआती इतिहास
कुसुम दी, आपकी कल्पना का बि जबाब नही। विवाह और वो भी मेथी का...बहुत सुंदर।
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(०६-१२-२०१९ ) को "पुलिस एनकाउंटर ?"(चर्चा अंक-३५४२) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
न नीबू है न मिर्ची है, बता ये कैसे शादी है?
ReplyDeleteअधूरे ये बराती हैं, न घोड़ा है, न हाथी है ---
नींबू मिर्ची टंगे किवाड़ी कौन बारात में लाए
Deleteमोटर गाड़ी के युग में हाथी घोड़े कौन नचाए।
बहुत बहुत आभार आपका सर।
बहुत सुंदर कल्पना ,सादर नमन कुसुम जी
ReplyDeleteवाह ! ये तो बहुत सुंदर है
ReplyDeleteवाह! आनंद आ गया दी... 👌 👌 👌
ReplyDeleteवाह बहुत ही प्यारी रचना 👌👌👌👌
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