निशा काली है घनी
उठ के बस एक दीप जलाओ
ख्वाब महल जो टूट गये हों
छोटा सा एक नीड़ बनाओ
सागर प्यास नही बुझाता
भर अंजली प्यास बुझाओ
नही हो हिस्से मे महफिल तो
मधुर कोई एक गीत ही गाओ
पथ मे ना हो फूल बिछे तो
मुस्कानो के फूल खिलाओ
चमन नही हो हरा भरा तो
छोटी सी एक पोध लगाओ
अमन चैन से रहना है तो
स्नेह विश्वास की ज्योत जलाओ।
कुसुम कोठारी।
उठ के बस एक दीप जलाओ
ख्वाब महल जो टूट गये हों
छोटा सा एक नीड़ बनाओ
सागर प्यास नही बुझाता
भर अंजली प्यास बुझाओ
नही हो हिस्से मे महफिल तो
मधुर कोई एक गीत ही गाओ
पथ मे ना हो फूल बिछे तो
मुस्कानो के फूल खिलाओ
चमन नही हो हरा भरा तो
छोटी सी एक पोध लगाओ
अमन चैन से रहना है तो
स्नेह विश्वास की ज्योत जलाओ।
कुसुम कोठारी।
दीप जलाओ ....बहुत खूब मीता सकरात्मक भाव जाग्रत करती रचना ...पथ अग्रसर करती रचना
ReplyDeleteसुंदर सार्थक प्रतिक्रिया का आभार मीता ।
Deleteनिशा काली है घनी
ReplyDeleteउठ के बस एक दीप जलाओ
आशाओं से भरी खूबसूरत रचना
सादर आभार आपकी सार्थक प्रतिक्रिया का।
Deleteवाह!!!कुसुम जी ..बहुत ही सकारात्मकता से भरी रचना ....
ReplyDeleteसादर आभार शुभा जी।
Deleteकुसुम जी,वाव्व...बहुत ही सुंदर प्रस्तूती।
ReplyDeleteसादर आभार ज्योति जी
Deleteअमन चैन से जीना है तो
ReplyDeleteस्नेह विश्वास की ज्योत जलाओ...
वाह!!!
बहुत सुन्दर सीख देती रचना...
सस्नेह आभार सखी आपकी प्रतिक्रिया का सदा इंतजार रहता है।
Deleteनिमंत्रण
ReplyDeleteविशेष : 'सोमवार' २१ मई २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने साप्ताहिक सोमवारीय अंक के लेखक परिचय श्रृंखला में आपका परिचय आदरणीय गोपेश मोहन जैसवाल जी से करवाने जा रहा है। अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
सादर आभार।
Deleteआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2018/05/70.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
ReplyDeleteसादर आभार।
Deleteपथ मे ना हो फूल बिछे तो
ReplyDeleteमुस्कानो के फूल खिलाओ
....सुन्दर सीख सकारात्मकता से भरी रचना
सादर आभार।
Deleteबेहद उम्दा, सुंदर सकारात्मक सीख देती रचना मीता
ReplyDeleteस्नेह आभार मीता ।
Deleteनिराश मन में आशा का दीप जलाती सकारात्मक रचना
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत सादर नमन इस रचना को
स्नेह आभार आंचल बहन
Deleteआशा का सीप मन में सदा जलाए रखने की प्रेरणा देती रचना ... दिल में उतरते शेर ...
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आदरणीय।
Deleteसुंदर उत्साह बढाती प्रतिक्रिया ।
बेहतरीन रचना
Deleteअमन चैन से रहना है तो ,
स्नेह विश्वास की जोत।जलाओ प्रेरणादायी
जी बहुत बहुत आभार आपकी प्रोत्साहित करती प्रतिक्रिया के लिये ।
Deleteपथ मे ना हो फूल बिछे तो
ReplyDeleteमुस्कानो के फूल खिलाओ 👌👌
बेहद खूबसूरत रचना सखी
सस्नेह आभार सखी आपकी मनभावन प्रतिक्रिया के लिये ।
Deleteबहुत बहुत सुंदर बिटिया कुसुम मुझे ऐक बात समझनी है मेरा ये जो ब्लॉग बना हुवा है इस पर लिखने का ऑबस्न नही दिख रहा है ।।
ReplyDeleteसारी काकासा बहुत दिन बाद आई आशा करती हूं आपको समाधानमिल गया होगा।
Deleteसादर आभार।
बहुत ही सुन्दर सखी 👌👌
ReplyDeleteसधन्वाद सखी आपको ब्लॉग पर देख बहुत खुशी हुई, सदा स्नेह बनाये रखें
Deleteसस्नेह आभार भाई अमित जी ।
ReplyDeleteउत्साह वर्धन करती है आपकी प्रतिक्रिया ।