सुनहरा लड़कपन
बचपन का वो समय सुहाना
पैठ रहा गहरे गहरे।
गीली मिट्टी पाल बांध कर
मोहक नव रचना करते
महल सिपाही इक खाई
शेर चिते भालू भरते
बोल घरोंदा नित कुछ कहता
स्वप्न रात ठहरे ठहरे।।
परी लोक तक दौड़ लगाते
कितने जाले बुनते थे
माँ पिता और गुरूजनों को
बड़े ध्यान से सुनते थे
और अभी तक वो पावन पल
आंखों में लहरे लहरे।।
लेकर हाथों में पुस्तक को
करते ढोंग पढ़ाई का
शत्रु दल को कैसे पछाड़ें
बनता ढ़ांच चढाई का
सब वर्जना हवा में उड़ती
तोड़ सभी पहरे पहरे।।
कुसुम कोठारी'प्रज्ञा'
बेहद खूबसूरत नवगीत सखी।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार सखी, प्रोत्साहित करती सुंदर प्रतिक्रिया।सस्नेह।
Deleteबहुत बहुत सुन्दर
ReplyDeleteजी बहुत बहुत आभार आपका।
Deleteसंक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 14.01.2021 को चर्चा मंच पर दिया जाएगा| आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी
ReplyDeleteधन्यवाद
बहुत बहुत आभार आपका,मैं मंच पर उपस्थित रहूंगी।
Deleteचर्चा मंच पर रचना का शामिल होना सदा मनभावन है ।
सादर।
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 2008...आज सूर्य धनु राशि से मकर राशि में...) पर गुरुवार 14 जनवरी 2021 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका,पाँच लिंक पर रचना का आना सदा सुखकर है,मैं उपस्थित रहूंगी ।
Deleteबालसुलभ मन के सौंदर्य को उकेरती मनमोहक रचना..
ReplyDeleteरचना पर आपकी प्रतिक्रिया रचना को सुंदर अर्थ दे रही है।
Deleteसस्नेह आभार आपका।
सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteमकर संक्रान्ति का हार्दिक शुभकामनाएँ।
बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय,आपको भी संक्रांति पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं।
Deleteसादर।
बचपन को बांधता , संभालता संवरता लेखन
ReplyDeleteसादर
बहुत बहुत आभार आपका आपकी प्रतिक्रिया से उत्साह वर्धन हुआ ।
Deleteब्लाग पर सदा स्वागत है आपका।
सुंदर रचना।
ReplyDeleteमकर संक्रान्ति का हार्दिक शुभकामनाएँ।
बहुत बहुत स्नेह आभार ज्योति बहन।
Deleteआपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएं,मकर संक्रांति की।
सस्नेह।
बेहतरीन नवगीत सखी
ReplyDeleteमकर संक्रांति पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं 💐
ढेर सा आभार सखी।
Deleteउत्साहवर्धक प्रतिक्रिया।
मकर संक्रांति पर्व पर आपको व पूरे परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं।
वाह!सुंदर सृजन कुसुम जी । मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँँ ।
ReplyDeleteमकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँँ आपको भी सह परिवार शुभा जी।
ReplyDeleteसस्नेह आभार।
बचपन की स्मृतियों का जीवन्त चित्रण.. अत्यंत सुन्दर भावभीनी
ReplyDeleteकृति ।