नवरात्रा षष्ठम दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏🌷🌷
माँ कात्यायनी
अंशुक लाल तन धारती, सोने जैसे अंग।
वर देती मुद्रा धरे, धवल कमल के संग।
धवल कमल के संग, सिंह पर करे सवारी।
अर्चन हो मन भाव, भगे सभी महामारी।
सुनो कुसुम कर ध्यान, बजे जब मंदिर कंबुक।
तन में शांति का वास, लहरता माँ का अंशुक।।
कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'
बहुत सुंदर।
ReplyDeleteसस्नेह आभार आपका ज्योति बहन।
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