Followers

Wednesday, 28 September 2022

माँ चंद्रघंटा


 


माँ चंद्रघंटा


सोने जैसी दमक रही माँ, द्युति है सूरज वरणी।

अस्त्र थामती दस हाथों में, चपला चमके अरणी।

अर्ध चन्द्र को शीश धारती, दृढ़ है सुंदर काया।

पीड़ा हरती भक्त जनों की, चंद्रघंटा अमाया।


कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'

8 comments:

  1. नवरात्रि पर्व में माँ दुर्गा की आराधना हेतु सुन्दर सृजन ।

    ReplyDelete
  2. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 29.9.22 को चर्चा मंच पर चर्चा - 4567 के 8 लिंकों में शामिल किया गया है| आईएगा
    धन्यवाद
    दिलबाग

    ReplyDelete
    Replies
    1. सादर धन्यवाद।
      मैं मंच पर उपस्थित रहूंगी।

      Delete
  3. Replies
    1. सस्नेह आभार आपका ज्योति बहन।

      Delete
  4. सुन्दर रूप वर्णन मां का

    ReplyDelete
    Replies
    1. जय माता रानी की।
      सस्नेह आभार आपका।

      Delete