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Thursday, 29 September 2022

माँ स्कंदमाता


माँ स्कंदमाता


शासन करती मोक्ष पर, वर देती अविराम ।

तन पर उजले वस्त्र है, स्कंद मात है नाम ।

स्कंद मात है नाम, हाथ में पंकज धरती ।

देती है आशीष, कामना पूरण करती ।

कहे कुसुम कर जोड़, पद्म पर सुंदर आसन।

माँ दे दो वरदान, दीप्त है तेरा शासन ।।


कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'

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