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Wednesday, 28 September 2022

माँ ब्रह्मचारिणी


 माँ ब्रह्मचारिणी


तप त्याग वैराग्य संयम का, पाठ पढ़ाती माता ।

ब्रह्मचारिणी देती संयम, जो चरणों में आता।

श्वेत वसन है हाथ कमंडल, साधु वृंद गुण गाता।

हाथ जापनी सौम्या छवि है, देखूँ मन हर्षाता।।


कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'

4 comments:

  1. भक्ति भावसिक्त अद्भुत कृति ।

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    1. हृदय से आभार आपका मीना जी।
      सस्नेह।
      जय माता रानी की।

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  2. Replies
    1. जी हृदय से आभार आपका।
      सादर।
      जय माता रानी की।

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