मधुमास
मधुबन में मधुमास मगन है
रंग व्योम से बरसे
धरा ओढ़कर नवल चुनरियाँ
पिया मिलन को तरसे।
बारिश बूँद मन मीत क्षिति का
कब सुध लेगा आकर
पीले पात झरे शाखा से
नवल कोंपलें पाकर
खेतों में अब सरसों फूली
मिंझर डाली निरसे।।
सुरभित मधुर वात आलोडित
पात नाचते खर खर
जंगल में दावक से दिखते
सुपर्ण गिरते झर झर
शरद बीत बसंत की बेला
निसर्ग झूमे हरसे।।
पंकज दल आच्छादित सर में
ढाँक दिये पानी को
सिट्टे भी घूंघट से झांके
सहृदय ऋतु दानी को
बसंत है ऋतु ओं का राजा
चैत्र मास में सरसे ।।
कुसुम कोठारी "प्रज्ञा"
प्रकृति का मोहक रूप आपकी रचनाओं में पुष्प मे मकरंद सा समाया रहता है । अप्रतिम भावाभिव्यक्ति.
ReplyDeleteआपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया सदा लेखन को नव उर्जा प्रदान करती है मीना जी,और सदैव मुझे कुछ और अच्छा कर पाऊं के लिए प्रेरित करती है ।
Deleteसदा स्नेह मिलता रहे ।
सस्नेह आभार।
अति उत्तम ,बहुत सुंदर रचना , महिला दिवस की ढेरों बधाई हो आपको, नमन
ReplyDeleteजी आपको भी विगत 8 तारिख , महिला दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।
Deleteआपकी स्नेहिल सराहना का हृदय तल से आभार।
सस्नेह।
अति मनमोहक,नये उपमानों,समृद्ध शब्दावली और मोहक भाव़ों से सजी बासंती रचना दी।
ReplyDeleteप्रकृति चित्रण में आप बेजोड़ है दी।
सस्नेह बधाई
शुभकामनाएं
सादर।
ढेर सा स्नेह श्वेता आप हमेशा मेरे लेखन को अपनी समृद्ध टिप्पणी से अनमोल कर देती हो ।
Deleteढेर ढेर सा स्नेह।
बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteअन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जी सादर आभार आदरणीय।
Deleteआपकी स्नेहिल शुभकामना सदा शुभम् होती है।
सादर।
बसंत ऋतु का मनमोहक दृश्य झूम झूमकर नाच गया नैनों के सम्मुख..बहुत ही सुंदर सार्थक कृति..
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका जिज्ञासा सी आपकी टिप्पणियां सच में रचना को नया आयाम देती है।
Deleteसस्नेह।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, कुसुम दी।
ReplyDeleteमहिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, कुसुम दी।
ReplyDeleteमहिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
बहुत बहुत आभार आपका ज्योति बहन
Deleteआपको भी महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
बहुत खूबसूरत प्रकृति वर्णन । सुंदर रूपकों से सजी मनभावन रचना ।
ReplyDeleteआपकी विशिष्ट प्रतिक्रिया से रचना मुखरित हुई।
Deleteबहुत बहुत आभार आपका।
सस्नेह।
खूबसूरत रचना।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।
Deleteसादर।
खूबसूरत प्रकृति वर्णन हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका उत्साहवर्धन हुआ।
Deleteसादर।
बहुत बहुत आभार आपका।
ReplyDeleteसादर।
प्राकृति के सुन्दरतम रूप को बाखूबी रचना में उतारा है ... बहुत लाजवाब ...
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