Followers

Wednesday, 30 October 2019

यूं ही झुकते नहीं आसमान

यूंही झुकते नही आसमां
कदमों में
 किसी के,
खुद को दबाना होता है
बार बार मिट्टी में,
बीज बन जो मिटते हैं
औरों के लिए,
वही नव अंकुरित होते है,
लहराते है फसलों से,
झुकता है अंबर भी
उन के पाँवों मे खुशी से।

............कुसुम कोठारी

16 comments:

  1. शानदार नीतिपरक संदेश दिया आपने आदरणीया दीदी।
    प्रभावी बिंब और प्रतीक रचना को सारगर्भित बना रहे हैं। संदेशपरक रचना को अधिक शब्दों की दरकार नहीं होती है।
    बधाई एवं शुभकामनाएं।
    लिखते रहिए।

    ReplyDelete
  2. एक ही एक प्रकार की रचनाएं पढ़ पढ़ के बोर होने के बाद एक अच्छी प्रेरणादायक रचना पढ़ने को मिली तो सुकून मिला...
    शुभकामनाएं
    मशीन ने लिखा  पधारें 🙏

    ReplyDelete
  3. वाह ...!!! बहुत ही खूबसूरत रचना लिखी आपने.. कितनी सारे अर्थ छुपे हैं आपकी इन पंक्तियों में ऐसे ही हमेशा लिखती रहा कीजिए धन्यवाद

    ReplyDelete
  4. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 31 अक्टूबर 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    ReplyDelete
  5. बहुत सार्थक प्रेरक सृजन प्रिय कुसुम बहन | अनेक अर्थों को थोड़े शब्दों में समेटती रचना के हार्दिक शुभकामनायें |

    ReplyDelete
  6. वाह दी सार्थक एवं प्रेरक संदेशात्मक पंक्तियाँ।

    ReplyDelete
  7. प्रेरणादायक रचना।

    ReplyDelete
  8. बहुत सच आशा और उम्मीद लिए रचना .।.
    सही है की जो सब कुछ दे देता है ख़ुद को मिटा कर .. उसी के चरणों में आसमाँ शीश नवाता है ...

    ReplyDelete
  9. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (01-11-2019) को "यूं ही झुकते नहीं आसमान" (चर्चा अंक- 3506) " पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित हैं….

    -अनीता लागुरी 'अनु'
    ---

    ReplyDelete
  10. बहुत सार्थक और नीतिपरक संदेश से सजी अनुपम रचना ।

    ReplyDelete
  11. जीवन की सच्ची सीख देती लाजबाब सृजन ,सादर नमन कुसुम जी

    ReplyDelete
  12. वाह!!!
    छोटी सी कविता में इतना बडा सार..!!!
    बहुत ही सार्थक सारगर्भित लाजवाब रचना।

    ReplyDelete
  13. सच कुसुम जीजी, यूं ही नहीं झुकते आसमान....धरती जैसा धैर्य विशाल हृदय चाहिए ।

    ReplyDelete
  14. बहुत सुंदर और सार्थक पंक्तियां सखी

    ReplyDelete
  15. वाह! वाह! क्या बात है । कम शब्द में छिपे गूढ़ भाव ।

    ReplyDelete