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Friday, 25 October 2019

शुभ भावों से दिपित दीवाली

शुभ भावों से दिपित दीवाली

घर का हर कोना चमकाया
कुड़ा करकट भी  निसराया
अब बारी है सोचों की
उन को भी दुरस्त कुछ कर लें
बेकार की बातें  बिसरायें
सुंदर भावों से मन चमकायें
स्नेह से दिल की दिवारें रंग लें
सकारात्मकता की सजावट करलें
प्यार विश्वास का दीप जला लें ।

             कुसुम कोठारी ।

5 comments:

  1. दिवाली की शुभकामनाएं, कुसुम दी।

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  2. जी नमस्ते,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (२८ -१०-२०१९ ) को " सृष्टि में अँधकार का अस्तित्त्व क्यों है?" ( चर्चा अंक - ३५०२) पर भी होगी।
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।

    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

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  3. असल दीपावली तो यही है ... जब हर कूड़ा मन से बाहर हो प्रेम की ज्योति जले ...
    सुन्दर रचना है ...
    बहुत बधाई आपको दीप पर्व की ...

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  4. शुभकामनाएं दीप पर्व पर। सुन्दर रचना।

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  5. बेकार की बातें बिसरायें
    सुंदर भावों से मन चमकायें
    स्नेह से दिल की दिवारें रंग लें
    बहुत ही प्यारे भाव प्रिय कुसुम बहन | अगर यही सब हो जाए तो रोज दीवाली हो | नन्ही सी प्यारी सी भावपूर्ण रचना के लिए हार्दिक शुभकामनायें और बधाई |

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