शुभ भावों से दिपित दीवाली
घर का हर कोना चमकाया
कुड़ा करकट भी निसराया
अब बारी है सोचों की
उन को भी दुरस्त कुछ कर लें
बेकार की बातें बिसरायें
सुंदर भावों से मन चमकायें
स्नेह से दिल की दिवारें रंग लें
सकारात्मकता की सजावट करलें
प्यार विश्वास का दीप जला लें ।
कुसुम कोठारी ।
दिवाली की शुभकामनाएं, कुसुम दी।
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (२८ -१०-२०१९ ) को " सृष्टि में अँधकार का अस्तित्त्व क्यों है?" ( चर्चा अंक - ३५०२) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
असल दीपावली तो यही है ... जब हर कूड़ा मन से बाहर हो प्रेम की ज्योति जले ...
ReplyDeleteसुन्दर रचना है ...
बहुत बधाई आपको दीप पर्व की ...
शुभकामनाएं दीप पर्व पर। सुन्दर रचना।
ReplyDeleteबेकार की बातें बिसरायें
ReplyDeleteसुंदर भावों से मन चमकायें
स्नेह से दिल की दिवारें रंग लें
बहुत ही प्यारे भाव प्रिय कुसुम बहन | अगर यही सब हो जाए तो रोज दीवाली हो | नन्ही सी प्यारी सी भावपूर्ण रचना के लिए हार्दिक शुभकामनायें और बधाई |