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Friday, 18 October 2019

दीवाली

दीपमालिका दीप ज्योति संग
भर-भर खुशियां लायी
नवल ज्योति की पावन आभा 
प्रकाश पुंज ले आयी
प्रज्वलित करने मन प्रकाश को
दीपशिखा लहरायी
पुलकित गात,मुदित उर बीच
ज्यों स्नेह धारा बह आयी
अमावस के अंधियारे पर
दीप  चांदनी  छायी
मन तारों ने झंकृत हो
गीत  बधाई  गायी
चहूं ओर उल्लास प्रदिप्त
घर-घर खुशियां छायी
मन मयूर कर नृतन कहे
लो दीपमालिका आयी ।

    कुसुम कोठारी ।

17 comments:

  1. मन को झंकृत करने के लिये ही उत्सव-पर्व का सृजन हुआ है। सुंदर, सकारात्मक एवं भावपूर्ण रचना आपकी लेखनी की विशेषता है।
    प्रणाम दी।

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  2. मन तारों ने झंकृत हो
    गीत बधाई गयी
    चहूं ओर उल्लास प्रदिप्त
    घर-घर खुशियां छायी
    बेहद सुंदर एवम मनभावन शब्दांजली .....

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  3. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    २१ अक्टूबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।,

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  4. वाह बेहतरीन रचना।खुशियों से ओत-प्रोत कर देने वाली रचना ।दिवाली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।

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  5. वाह!!कुसुम जी ,चहुँ ओर खुशियाँ बिखेरती ,सुंदर अभिव्यक्ति ।

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  6. सुन्दर। शुभकामनाएं।

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  7. मन मुदित करती हर्षोल्लास व्यक्त करती सुन्दर रचना कुसुम जी ।

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  8. नया जोश भरती बहुत ही सुंदर रचना, कुसुम दी।

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  9. मन मयूर कर नृत्न कहे
    लो दीपमालिका आयीं सुंदर प्रस्तुति

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  10. सुन्दर। आपको दीपावली की अग्रिम बधाई।

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  11. प्रज्वलित करने मन प्रकाश को
    दीपशिखा लहरायी
    पुलकित गात,मुदित उर बीच
    ज्यों स्नेह धारा बह आयी
    बहुत ही सुन्दर लाजवाब सृजन
    वाह!!!
    दीपावली की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं कुसुम जी !

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  12. सुंदर दीप की लड़ियों-सी सजी आपकी शब्दावली से झांकता दीपों का पर्व - दीपावली। बधाई!!!

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  13. दीपों के झिलमिलाते प्रकाश सी सुंदर रचना। बधाई।

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  14. अनुपम प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार

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  15. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना 23 अक्टूबर 2019 के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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  16. मन मयूर कर नृतन कहे
    लो दीपमालिका आयी ।
    सच में कुसुम बहन ये दीवाली के अनकहे भाव हैं जिनसे हर व्यक्ति गुजरता है | सुंदर रचना दीपावली के लिए | बहुत बहुत बधाई आपको |

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  17. बहुत ही बेहतरीन रचना

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