युवा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
उठो युवाओं नींद से, बढ़ो चलो हो दक्ष।
जब तक पूरा कार्य हो, लगे रहो प्रत्यक्ष।।
जीवन में संयम रखो, रखो ध्यान पर ध्यान।
दृष्टि रखो बस चित्त पर, तभी बढ़ेगा ज्ञान।।
अनुभव जग में श्रेष्ठ है, यही शिक्षक महान।
अनुभव से सब सीख लो, यहीं दिलाता मान।।
उद्यम धैर्य पवित्रता, तीन गुणों को धार।
जग में हो सम्मान भी, यही आचरण सार।।
निज पर हो विश्वास तो, पूरण होते काम।
निज पर निज अवलंब ही, कार्य सरे अविराम।।
कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'
सादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बृहस्पतिवार (13-1-22) को "आह्वान.. युवा"(चर्चा अंक-4308)पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
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कामिनी सिन्हा
प्रेरित एवं मार्गदर्शक लेखनी को सलाम
ReplyDeleteसुंदर बोध देते दोहे
ReplyDeleteसुन्दर अति सुन्दर दोहे सखी
ReplyDeleteआपको लोहड़ी एवं मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत बहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteवाह दी सभी दोहे एक से बढ़कर एक है।
ReplyDeleteसंदेशप्रद चेतना जागृत करते हुए।
सस्नेह
प्रणाम दी।
अत्यंत प्रेरक एवं संदेशप्रद लाजवाब दोहे।
ReplyDeleteउद्यम धैर्य पवित्रता, तीन गुणों को धार।
जग में हो सम्मान भी, यही आचरण सार।।
वाह!!!