जीवन चक्र यूँ ही चलते हैं
साल आते हैं जाते हैं
हम वहीं खड़े रह जाते हैं
सागर की बहुरंगी लहरों सा
उमंग से उठता है मचलता है
कैसे किनारों पर सर पटकता है
जीवन चक्र यूँ ही चलता है
साल आते है...
कभी सुनहरे सपनो सा साकार
कभी टूटे ख्वाबों की किरचियाँ
कभी उगता सूरज भी बे रौनक
कभी काली रात भी सुकून भरी
साल आते हैं....
कभी हल्के जाडे सा सुहाना
कभी गर्मियों सा दहकता
कभी बंसत सा मन भावन
कभी पतझर सा बिखरता
साल आते हैं....
कभी चांदनी दामन मे भरता
कभी मुठ्ठी की रेत सा फिसलता
जिंदगी कभी बहुत छोटी लगती
कभी सदियों सी लम्बी हो जाती
साल आते हैं....
कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 30 दिसंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteजी सादर आभार।
Deleteबहुत बहुत सुन्दर मधुर
ReplyDeleteजी बहुत बहुत आभार आपका।
Deleteनववर्ष पर हार्दिक शुभकामनाएं।
सार्थक रचना।
ReplyDeleteआने वाले नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।
Deleteआपको भी नव वर्ष मंगलमय खुशियों से भरा रहे।
बहुत सुंदर ।
ReplyDeleteसदा स्वागत है आपका ब्लाग पर।
Deleteबहुत बहुत आभार।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
सही कहा आपने। अपनी कुछ कड़वी-मीठी यादें छोड़कर दिन यूं ही बीत जाते हैं।
ReplyDeleteसुंदर सार्थक प्रतिक्रिया से मन प्रफुल्लित हुआ।
Deleteसादर आभार।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
जीवन चक्र यूँ ही चलते हैं
ReplyDeleteसाल आते हैं जाते हैं
हम वहीं खड़े रह जाते हैं
सही कहा....बहुत सटीक सुंदर सार्थक एवं लाजवाब सृजन।
बहुत बहुत आभार आपका सुधाजी।
Deleteआपकी सुंदर प्रतिक्रिया से रचना मुखरित हुई।
नववर्ष मंगलमय हो आपको और सकल परिवार को।
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 31.12.2020 को चर्चा मंच पर दिया जाएगा| आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी
ReplyDeleteधन्यवाद
जी सादर आभार आपका।
Deleteनववर्ष मंगलमय हो।
सुन्दर सृजन
ReplyDeleteजी सादर आभार आपका।
Deleteनव वर्ष मंगलमय खुशियों से भरा हुआ हो।
सुन्दर सृजन - - नूतन वर्ष की असंख्य शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteजी सादर आभार आपका।
Deleteआपको भी नव वर्ष की अशेष शुभकामनाएं।
सादर।
आदरणीया कुसुम जी, इस अच्छी सी कृति हेतु बधाई स्वीकार करें। ।।।।
ReplyDeleteआगामी नववर्ष की अग्रिम शुभकामनायें। ।।
बहुत बहुत आभार आपका पुरुषोत्तम जी आपकी सुंदर प्रतिक्रिया से रचना सार्थक हुई।
Deleteआपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
प्राकृतिक आभूषणों से सजी सुंदर रचना..
ReplyDeleteबहुत बहुत सा आभार आपका।
Deleteसुंदर सार्थक प्रतिक्रिया।
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
कभी सुनहरे सपनो सा साकार
ReplyDeleteकभी टूटे ख्वाबों की किरचियाँ
कभी उगता सूरज भी बे रौनक
कभी काली रात भी सुकून भरी
साल आते हैं....
बहुत ही सुंदर सृजन कुसुम जी ,आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत बहुत आभार आपका कामिनी जी।
Deleteआपकी टिप्पणी से सदा उत्साह वर्धन होता है।
सस्नेह।
आपको भी समस्त परिवार सह नव वर्ष की मंगलमय शुभकामनाएं।
बहुत सुंदर सृजन
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।
Deleteनववर्ष मंगलमय और खुशियों भरा हो आपको एवं समस्त परिवार को।