तेजल सवैया के दो सृजन।
२ ११२ ११२ ११२ ११,
२ ११२ ११२ ११२ २ ।
पनिहारिन
वो झँझरी झनकी झन झन्नक,
पायल बोल रसी स्वर बोले।
नार सजी सज के चलदी वह,
गागर सुंदर ले सिर तोले ।
घाट चढ़ी जल में रखती पग,
हाथ उठा निज घूंघट खोले।
ओह मनोरम रूप उजागर,
देख मिलिंद छली मुख डोले।।
नार नवेली
मारुत जो फहरी चलती अब,
वो मदरी मदरी मन भाई।
आज कई सपने दिखते नव,
आँख झुकी बदरी घिर आई।
आँचल लाल उड़ा सिर से सर,
लो लट श्यामल सी लहराई।
सुंदर रूप दिखे सलिला जल,
मंजुल सी छवि वो सकुचाई।।
कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'
अति सुमधुर सृजन, लाजवाब सवइया |
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका।
Deleteसराहना संपन्न प्रतिक्रिया से रचना सार्थक हुई।
सस्नेह।
वाह ! बहुत ही सुंदर लयात्मकता लिए हुए सवैया छंद ।
ReplyDeleteसादर बधाई ।
बहुत बहुत आभार आपका जिज्ञासा जी।
Deleteसवैया अपनी लय की विशेष अहमियत रखते हैं।
लय सन गई तो लेखन सार्थक हुआ।
सस्नेह।
सुंदर सृजन।
ReplyDeleteजी आपका हृदय से आभार।
Deleteब्लॉग पर सदा स्वागत है आपका।
भावपूर्ण सृजन
ReplyDeleteजी हृदय से आभार आपका।
Deleteउत्साह वर्धन हुआ।
सादर।
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteजी हृदय से आभार आपका आलोक जी।
Deleteउत्साह वर्धन हुआ।
सादर।
सुन्दर ! अति सुन्दर !
ReplyDeleteहोठों पर सरसराहट सी आ गई ,
और चेहरा प्रफुलित हो उठा । ।
जी बहुत बहुत आभार आपका।
Deleteरचना को आशीर्वाद मिला।
सादर।
आज कई सपने दिखते नव,
ReplyDeleteआँख झुकी बदरी घिर आई।
आँचल लाल उड़ा सिर से सर,
लो लट श्यामल सी लहराई।
अद्भुत ,अप्रतिम,अति सुन्दर । मनमोहक सृजन ।
आपकी अद्भुत प्रतिक्रिया से रचना को नव उर्जा मिली मीना जी, सदा स्नेह बनाए रखें।
Deleteसस्नेह आभार आपका
वाह क्या बात है नार नवेली की...गजब लिखदिया कुसुम जी कि ''मारुत जो फहरी चलती अब,
ReplyDeleteवो मदरी मदरी मन भाई।
आज कई सपने दिखते नव,
आँख झुकी बदरी घिर आई।'' मगर यहां तो न बदरी आई है अभी न ही आसार हैं सेा आपकी लिखी ये पंक्तियां हमें मुंह चिढ़ा रही हैं....परंतु शब्द क्या जानें कि कौन चिढ़ रहा है और कौन खुश है सो आपके लिखे को कहना ही होगा क्याखूब लिखा... बहुत खूब लिखा
अहा! अलकनंदा जी आपने तो अकलनंदा ही उतार दी आज काव्य धरा पर।
ReplyDeleteउपालंभ भी प्रशंसा भी और ढेर सा स्नेह भी।
हृदय से आभार और ढेर ढेर सा स्नेह।
सस्नेह।
वाह!!!
ReplyDeleteबार बार गुनगुनाने लायक लाजवाब तेजल सवैया....
साधुवाद कुसुम जी सारी विधाओं में पारंगत हैं आप ।
कोटिश नमन 🙏🙏