गीतिका (हिंदी गजल) मापनी:-
1212 212 122 1212 212 122.
मनोवृत्तियाँ
धुआँ धुआँ सा गगन हुआ है बुझा बुझा सा प्रकाश दिखता।
न चाँद पूरा दिखे धरा से नहीं कहीं पर उजास दिखता।।
करें अहित के विरुद्ध बातें दिखा रहे हैं महान निज को।
रहस्य खुलने लगे उन्हीं के मलिन हुआ सा विभास दिखता।।
लिखे गए जो कठिन समय में वही लेख अब मिटा रहे हैं।
धरोहरों को उजाड़ने का हुआ कपट ये प्रयास दिखता।।
अलख जगा कर रखा जिन्होंने खरी-खरी की दहाड़ भरते।
दिखावटी ढब अभी खुले हैं छुपा छुपा सा खटास दिखता।।
करे धरे जो नहीं कभी कुछ हरा हरा बस दिखा रहे हैं ।
पड़ा परिश्रम अभी अभी तो उड़ा उड़ा सा निसास दिखता ।।
उन्हें न मुठ्ठी गगन मिला है झुका झुका सिर नयन उदासी।
श्रमिक रहा है सदा प्रताड़ित थका थका फिर विकास दिखता।।
कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'
वाह।
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका आदरणीय।
Deleteसादर।
जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(२७-०६-२०२२ ) को
'कितनी अजीब होती हैं यादें'(चर्चा अंक-४४७३ ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
चर्चा मंच पर रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार आपका।
Deleteसादर सस्नेह।
न जाने क्या क्या दिखता है ...... लाजवाब ग़ज़ल हुई है ।
ReplyDeleteआपकी सराहना से सृजन अपनी सार्थकता पा गया आदरणीय संगीता जी।
Deleteहृदय से आभार आपका।
सादर।
कुसुम जी, राम-राज्य में सब कुछ अच्छा ही हो रहा है. श्रमिक अगर प्रताड़ित भी है तो क्या हुआ, नया संसद भवन, नया प्रधानमंत्री निवास और महाराष्ट्र में कुर्सी को ले कर उठापटक क्या विकास का द्योतक नहीं है?
ReplyDeleteजी सर आपकी उलट बासी रचना के समानांतर नये अर्थ खोज लेती है ।
Deleteसर रचना को आप बहुत ध्यान से पढ़ते हैं और तथ्यों में से नये तथ्य निकाल लेते हैं।
आपकी त्वरित बुद्धि कौशल को सलाम।
हृदय से आभार आपका आदरणीय।
सादर।
सुंदर, सराहनीय गीतिका ।
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका जिज्ञासा जी।
Deleteआपकी सराहना से लेखन सार्थक हुआ।
सस्नेह।
लाजवाब।
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका आदरणीय।
Deleteवाह बहुत खूब
ReplyDeleteसस्नेह आभार आपका सुमन जी, आपकी प्रतिक्रिया से लेखन को नव उर्जा मिली।
Deleteसस्नेह।
वाह!!!!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर...
लाजवाब गजल।
सस्नेह आभार आपका सुधा जी आपकी उपस्थिति सदा लेखन में नव ऊर्जा भर्ती हैं और मुझे कुछ अच्छा करूं के लिए प्रोत्साहित करती है।
Deleteसस्नेह।
वाह बेहतरीन 👌👌
ReplyDeleteसस्नेह आभार आपका सखी ।
Deleteसस्नेह।