नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आह्वान देशवासियों से
विजय शंख का नाद है गूंजा
वीरों की हुंकार है गरजी
सोते शेर जगाये कितने
आह्वान है आज सभी को
उठो चलो प्रमाद को त्यागो
मां जननी अब बुला रही
वीर सपूतों अब तो जागो
आंचल मां का तार हुवा
बाजुु है अब लहुलुहान
कब मोह नींद छोड़ोगे ?
क्या मां की आहुती होगी
या फिर देना है निज प्राण
घात लगाये जो बैठे थे अब
वो खसोट रहे खुल्ले आम
धर्म युद्ध तो लड़ना होगा
पाप धरा का हरना होगा
आज हुवा नारायणी उदघोष
जाग तूं और जगा जन मन मे जोश ।
कुसुम कोठारी ।
विजय शंख का नाद है गूंजा
वीरों की हुंकार है गरजी
सोते शेर जगाये कितने
आह्वान है आज सभी को
उठो चलो प्रमाद को त्यागो
मां जननी अब बुला रही
वीर सपूतों अब तो जागो
आंचल मां का तार हुवा
बाजुु है अब लहुलुहान
कब मोह नींद छोड़ोगे ?
क्या मां की आहुती होगी
या फिर देना है निज प्राण
घात लगाये जो बैठे थे अब
वो खसोट रहे खुल्ले आम
धर्म युद्ध तो लड़ना होगा
पाप धरा का हरना होगा
आज हुवा नारायणी उदघोष
जाग तूं और जगा जन मन मे जोश ।
कुसुम कोठारी ।
Bahut sundar aur sarthak rachna....badhai sakhi
ReplyDeleteसस्नेह आभार सखी ।
Deleteनेताजी को नमन! जय हिंद।
बहुत ही बेहतरीन रचना सखी
ReplyDeleteस्नेह आभार सखी ।
Deleteजय हिंद।
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteशौर्य भाव से सजी सुन्दर रचना कुसुम जी ।
ReplyDeleteबहुत सा स्नेह आभार मीना जी ।
Deleteजय हिंद ।
उत्साह का संचार करती बहुत सुंदर रचना, कुसुम दी।
ReplyDeleteप्रिय ज्योति जी स्नेह आभार ।
Deleteजय हिंद ।
बेहतरीन रचना आदरणीय कुसुम जी सौर्य को गुणगान और जोस से भरपूर ..
ReplyDeleteजी सस्नेह आभार सखी आपकी प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है।
Deleteशुक्रिया
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteबहुत सा आभार आदरणीय,
ReplyDeleteउत्साह वर्धन के लिये हृदय तल से आभार।
उत्साह का संचार करती शब्दों की कारीगरी कोई आप से सीखे
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय आपकी प्रोत्साहित करती प्रतिक्रिया का।
Deleteतहेदिल से शुक्रिया।
सादर।
वाह आदरणीया दीदी जी बेहद उम्दा
ReplyDeleteओजस्वी रचना 👌
प्रिय आंचल ढेर सा स्नेह आभार ।
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