गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🌷
माँ भारती
अब ले तिरंगा हाथ में चल मान से।
भू सज रही अब केसरी परिधान से।
जयकार की गूंजे सुहानी आ रही।
ऊँचा रखेगें भाल भी सम्मान से।।
गाथा कहें माँ भारती की हम सदा।
हर ओर गौरव गान हो अभिमान से।।
रख स्वावलंबी आज अपना ध्येय भी।
पूरा न हो कोई प्रयोजन दान से।।
करते रहे हम शोध हर दिन ही नवल।
ये विश्व सारा मुग्ध हो पहचान से।
हों विश्व गुरु हम ये प्रतिष्ठित भाव हो ।
होगा सफल विज्ञान अपने ज्ञान से।।
कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'
हृदय में भरा रहे सदैव देशभक्ति का एहसास
ReplyDeleteमैं रहूँ गौरवान्वित मेरी श्वासों में देशभक्ति सुवास।
जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार २० जनवरी २०२३ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
हृदय से आभार आपका श्वेता पाँच लिंक पर उपस्थित रहूंगी सस्नेह।
Deleteसादर।
माँ भारती के सम्मान में देशभक्ति के भावों से परिपूर्ण अत्यंत सुंदर भावाभिव्यक्ति । गणतंत्र दिवस और बसन्त पंचमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई कुसुम जी ! सादर सस्नेह वन्दे ।
ReplyDeleteमीना जी बहुत बहुत आभार आपका, आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया से सृजन सार्थक हुआ।
Deleteहों विश्व गुरु हम ये प्रतिष्ठित भाव हो ।
ReplyDeleteहोगा सफल विज्ञान अपने ज्ञान से।।
देश के प्रति खूबसूरत भावना से ओत - प्रोत रचना ।
जी हृदय से आभार आपका संगीता जी, आपकी सार्थक प्रतिक्रिया से रचना सार्थक हुई।
Deleteसादर।
अत्यंत खूबसूरत रचना
ReplyDeleteआभार
सादर जय जिनेन्द्र
जी सादर जय जिनेन्द्र।
Deleteहृदय से आभार आपका।
गाथा कहें माँ भारती की हम सदा।
ReplyDeleteहर ओर गौरव गान हो अभिमान से।।
वाह!!!!
अत्यंत उत्कृष्ट सृजन
लाजवाब👌👌🙏🙏
हृदय से आभार आपका सुधा जी।
Deleteआपकी प्रतिक्रिया से लेखन सार्थक हुआ।
सस्नेह।
देश को समर्पित सुंदर रचना 👌👌
ReplyDeleteरूपा जी हृदय से आभार आपका।
Deleteसस्नेह।
माँ भारती का गान करते बहुत सुन्दर पंक्तियाँ ...
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका उत्साहवर्धन के लिए।
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