Followers

Wednesday, 4 April 2018

उड़ान जान ले कठिन

उड़ान  जान ले बड़ी कठिन है
कोई तेरे साथ नही है
इन राहों में धूप गरम है
दूर तक कोई छांव नही है
सहारे की भी उम्मीद ना रखना
निज हौसलों पर तूं उड़ना
अपनी राह तुम स्वयं बनाना
अपने आप को पाना हो जो
बनी राह पर ना तूं चलना
कितनी भी कठिनाई हो
बस तूं  हरदम आगे बढ़ना
तेरी राहें स्वयं बनेगी
दरिया ,बाधा सब निपटेंगी
तूं अपना नूर जगाये रखना
रोक ना पाये कोई तुझ को
यह निश्चय बस ठान के चलना
उड़ान जान ले......
         कुसुम कोठारी ।
                                   (चित्र सौजन्य गूगल)

11 comments:

  1. बहुत बेहतरीन रचना

    ReplyDelete
  2. अनुपम सृजन

    ReplyDelete
  3. लाजवाब रचना....
    वाह!!!
    उत्साह और प्रेरणादायक ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत सा आभार सुधा जी ।

      Delete
  4. बेहद उम्दा रचना है

    ReplyDelete
    Replies
    1. स्नेह आभार आंचल जी।

      Delete
  5. वाहःह
    बहुत उम्दा

    ReplyDelete