भाव अहरी
होले खिली कलियाँ
बगीची झूम लहरी है
महका रहे उपवन
कहें क्यों धूप गहरी है।
नौबत बजी भारी
नगाड़े संग नाचो जी
भूलो अभी दुख को
यही आनंद साचो जी
ये साँझ सिंदूरी
हमारे द्वार ठहरी है।।
दुख मेघ गहरे तो
उढ़ोनी प्रीत की तानो
सहयोग से रहना
सभी की बात भी मानो
मन भाव सुंदर तो
विधाता साथ पहरी है।।
बीता दिवस दुख क्यों
सुहाना कल सरल होगा
बो बीज अच्छा बस
दिया जिसने वहीं भोगा
गंगा बहे पावन
बहानी भाव अहरी है।।
कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (05-11-2022) को "देवों का गुणगान" (चर्चा अंक-4602) पर भी होगी।
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कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
हृदय से आभार आपका आदरणीय।
Deleteरचना को चर्चा में देखना सदा सुखद लगता है।
सादर।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (05-11-2022) को "देवों का गुणगान" (चर्चा अंक-4603) पर भी होगी।
ReplyDelete--
कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सादर
Delete
ReplyDeleteजी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज शुक्रवार(०४-११-२०२२ ) को 'चोटियों पर बर्फ की चादर'(चर्चा अंक -४६०२) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
सादर आभार आपका अनिता।
Deleteमैं चर्चा में उपस्थित रहूंगी।
सस्नेह सादर।
वाह
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका आदरणीय।
Deleteबहुत सुंदर।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका ज्योति बहन।
Deleteरचना को पसंद करने के लिए।
सस्नेह।
कोमल भाव
ReplyDeleteसस्नेह आभार आपका अनिता जी।
Deleteसुंदर काव्य पंक्तियां
ReplyDeleteजी बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।
Deleteबहुत ही सुंदर सृजन, प्रकृति बोल उठी है।
ReplyDeleteहोले खिली कलियाँ
बगीची झूम लहरी है
महका रहे उपवन
कहें क्यों धूप गहरी है... वाह!
आपकी मुखरित प्रतिक्रिया से लेखन सार्थक हुआ प्रिय अनिता।
ReplyDeleteसस्नेह आभार आपका।