तिरंगा
लहरा रहा हमारा अभिमान है तिरंगा।
घर-घर फहर रहा है जय गान है तिरंगा।
तन कर खड़ा गगन में यह दृश्य है विलक्षण।
उर भारती सुशोभित परिधान है तिरंगा।।
नगराज शीश शोभित दृग देख कर मुदित है।
शत भाल झुक रहें पथ गतिमान है तिरंगा।
कितनी सदी बिताई हत भाग्य दासता में।
अब देश का बडप्पन बल आन है तिरंगा।
अब तो अमृत महोत्सव बस धूम से मनाओ।
सबके हृदय समाया इकतान है तिरंगा।।
रखती 'कुसुम' उमंगित पथ में सुमन हजारों।
सिर भारती तिलक सम प्रविधान है तिरंगा।।
कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'
सुन्दर सृजन
ReplyDeleteजी बहुत आभार आपका आदरणीय।
Deleteसादर।
देशप्रेम से परिपूर्ण बहुत सुंदर रचना, कुसुम दी।
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका ज्योति बहन।
Deleteआपकी टिप्पणी से लेखन सार्थक हुआ।
सस्नेह।
जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (१०-०८ -२०२२ ) को 'हल्की-सी सीलन'( चर्चा अंक-४५१७) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
हृदय से आभार आपका।
Deleteचर्चा मंच पर रचना को शामिल करने के लिए।
सादर सस्नेह।
वाह! तिरंगे का सुंदर गौरव गान।
ReplyDeleteबहुत आभार आपका उत्साहवर्धन हेतु।
Deleteसादर।
तिरंगे की गौरव गाथा । बहुत सुंदर सृजन ।
ReplyDeleteजय हिंद
हृदय से आभार आपका आदरणीय संगीता जी आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से लेखन सार्थक हुआ।
Deleteसादर सस्नेह।
वाह ! तिरंगे की शान में बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति। वंदे मातरम्।
ReplyDeleteबहुत आभार आपका जिज्ञासा जी।
Deleteआपकी टिप्पणी से लेखन सार्थक हुआ।
सस्नेह।
बहुत सुंदर कविता
ReplyDeleteजी हृदय से आभार आपका आदरणीय।
Deleteसादर।
बहुत सुंदर सृजन सखी।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका सखी।
Deleteउत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से रचना सार्थक हुई।
सस्नेह।
आपकी लिखी रचना सोमवार 15 अगस्त 2022 को
ReplyDeleteपांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
जी सोमवार की विशेष प्रस्तुति में रचना गौरवान्ति हुई ।
Deleteहृदय से आभार आपका।
सादर।
उम्दा प्रस्तुति
ReplyDeleteजी हृदय से आभार आपका ब्लॉग पर सदा स्वागत है आपका।
Deleteसस्नेह।
बेहतरीन सृजन
ReplyDeleteबहुत आभार आपका भारती जी आपकी प्रतिक्रिया से रचना सार्थक हुई।
Deleteसस्नेह।
है हमारी आन तिरंगा , मान और अभिमान तिरंगा
ReplyDeleteजी हृदय से आभार आपका आदरणीया।
Deleteआपकी सार्थक प्रतिक्रिया से रचना मुखरित हुई।
सादर सस्नेह।
वतन.के तिरंगे को झुकने न देना
ReplyDelete-------
सुंदर, भावपूर्ण देशभक्ति से ओतप्रोत झंडा गान ।
हमेशा की तरह संदेशयुक्त।
सस्नेह प्रणाम दी
सादर
सस्नेह आभार प्रिय श्वेता।
ReplyDeleteआपकी उपस्थिति से रचना स्वयं सार्थक हो जाती है।
सस्नेह।