धानी चुनरी ओढ सखी
चंग मृदंग ढ़ोल ढमकत चहुँ ओर
फाल्गुन आयो मास सतरंगी
श्वास श्वास चंदन विलसत
नयनों मे केसर घुलत सुरंगी
ऋतु गुलाब आयी, मन भायी
धानी चुनरी ओढ सखी चल
होरी खेलन की मन आयी
अंबर गुलाल छायो चहुँ ओर
तन मन भीगत जाए
आली मिल फाग रस गाएं
होली मनाएं ।
कुसुम कोठारी ।
होली की शुभकामनाएं, कुसुम दी। सुंदर प्रस्तूति।
ReplyDeleteआपको भी ज्योति बहन रंगारंग शुभकामनायें। आभार सस्नेह।
Deleteऋतु गुलाब आयी, मन भायी
ReplyDeleteधानी चुनरी ओढ सखी ...., बहुत खूब....,अति सुन्दर ।
बहुत बहुत आभार मीना जी होली की रंगारंग शुभकामनायें।
Deleteसस्नेह
वाह ! बहुत ही सुंदर सृजन
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका।
Deleteअंबर गुलाल छायो चहुँ ओर
ReplyDeleteतन मन भीगत जाए
आली मिल फाग रस गाएं
होली मनाएं । बेहतरीन प्रस्तुति सखी
सखी रंगोतस्व की हार्दिक शुभकामनाएं ।
Deleteआभार सस्नेह।
आपकी लिखी रचना मंगलवार 19 मार्च 2019 के लिए साझा की गयी है
ReplyDeleteपांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
वाह अभिभूत हुई मैं सुखद समाचार ।
Deleteबहुत बहुत आभार पांच लिंकों में चयन हेतु सदा आभारी हूं मैं।
सुन्दर । होली शुभ हो।
ReplyDeleteजी आदरणीय सादर आभार, आपको भी पूरे परिवार सहित होली की अशेष शुभकामनाएं।
Deleteसादर।
बहुत ही सुन्दर... होली सी रंगीन रचना...
ReplyDeleteवाह!!!
होली की शुभकामनाएं...
Bahut sundar rachna
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