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Friday, 15 March 2019

धानी चुनर ओढ सखी


धानी चुनरी ओढ सखी

चंग मृदंग ढ़ोल ढमकत चहुँ ओर
फाल्गुन आयो मास सतरंगी
श्वास श्वास चंदन विलसत
नयनों मे केसर घुलत सुरंगी
ऋतु गुलाब आयी, मन भायी
धानी चुनरी ओढ सखी चल
होरी खेलन की मन आयी
अंबर गुलाल  छायो चहुँ ओर
तन मन भीगत  जाए
आली मिल फाग रस गाएं
होली मनाएं ।

          कुसुम कोठारी ।

14 comments:

  1. होली की शुभकामनाएं, कुसुम दी। सुंदर प्रस्तूति।

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    1. आपको भी ज्योति बहन रंगारंग शुभकामनायें। आभार सस्नेह।

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  2. ऋतु गुलाब आयी, मन भायी
    धानी चुनरी ओढ सखी ...., बहुत खूब....,अति सुन्दर ।

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    1. बहुत बहुत आभार मीना जी होली की रंगारंग शुभकामनायें।
      सस्नेह

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  3. वाह ! बहुत ही सुंदर सृजन

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    1. बहुत बहुत आभार आपका।

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  4. अंबर गुलाल छायो चहुँ ओर
    तन मन भीगत जाए
    आली मिल फाग रस गाएं
    होली मनाएं । बेहतरीन प्रस्तुति सखी

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    1. सखी रंगोतस्व की हार्दिक शुभकामनाएं ।
      आभार सस्नेह।

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  5. आपकी लिखी रचना मंगलवार 19 मार्च 2019 के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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    1. वाह अभिभूत हुई मैं सुखद समाचार ।
      बहुत बहुत आभार पांच लिंकों में चयन हेतु सदा आभारी हूं मैं।

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  6. सुन्दर । होली शुभ हो।

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    1. जी आदरणीय सादर आभार, आपको भी पूरे परिवार सहित होली की अशेष शुभकामनाएं।
      सादर।

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  7. बहुत ही सुन्दर... होली सी रंगीन रचना...
    वाह!!!
    होली की शुभकामनाएं...

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