नंद बाबा घर बधाई।
बाबा नंद घर आनंद बधाई
माँ यशोदा विलसत न अघाई ।
नलकुबर सो श्याम सलौनो
आज जन्म लियो सुखदाई ।
अवनि अंबर डोल गयो ,
जगदीश पधारे बन बालाई ।
दसों दिशाऐं नौबत बाजे
गोकुल बाजे शंख सुहाई ।
इंद्र वरूण घन घोरा गरजत
मन ही मन हरषाई ।
कुबेर निज भंडार खोल्यो
भर भर रत्न राशि बरसाई।
मंगल गावे थाल सजावे
नाचे लोग ,बच्चन, लुगाई ।
रेशम डोर स्वर्ण की ड़ंड़ी
रत्न जड़ित ध्वजा फहराई।
छोटो सो झुलनो ड़ारो
झुले कृष्ण कन्हाई ।
ऐसो भाग्य जग्यो धरा को
जन जन मन हरखाई ।
कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'
जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(३०-०८-२०२१) को
'जन्मे कन्हैया'(चर्चा अंक- ४१७२) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
जी सादर आभार आपका मैं चर्चा पर अवश्य उपस्थित रहूंगी।
Deleteसादर सस्नेह।
आपको भी बधाई और शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteजी ,जय श्रीकृष्ण।
Deleteसादर।
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteजी सादर आभार आपका।
Deleteबहुत सुंदर रचना, जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई।
ReplyDeleteआपको भी अनंत शुभकामनाएं।
Deleteसस्नेह आभार।
छोटो सो झुलनो ड़ारो
ReplyDeleteझुले कृष्ण कन्हाई ।
ऐसो भाग्य जग्यो धरा को
जन जन मन हरखाई ।
अत्यन्त सुन्दर भक्तिमय सृजन । कृष्ण जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई कुसुम जी।
बहुत बहुत आभार आपका मीना जी,आपको भी विगत त्योहार की असीम शुभकामनाएं।
Deleteअति अति अति बधाई जो आपने इतनी सुन्दरता से जन जन मन हरखाई ज्यों झूले कृष्ण कन्हाई । आपको हार्दिक शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteअमृता जी आपको भी विगत त्योहार की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआपकी सराहना से रचना मुखरित हुई ।
सस्नेह आभार आपका।
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना शुक्रवार ५ अगस्त २०२२ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
वाह!बहुत सुंदर।
ReplyDeleteश्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
हार्दिक बधाई
ReplyDeleteबहुत सुंदर सृजन
पुनः बधाई ।।
ReplyDeleteबाबा नंद घर आनंद बधाई
ReplyDeleteमाँ यशोदा विलसत न अघाई ।
नलकुबर सो श्याम सलौनो
आज जन्म लियो सुखदाई ।
बहुत सुंदर बधाई गीत। लाजवाब सृजन कुसुम जी 🙏