चलें प्रकृति की ओर,दादी नानी की सुझाई रामबाण औषधियाँ दोहो में।
अश्वगंधा (असगंध)
चूर्ण ग्राम असगंध दो करें शहद सह योग।
जो पीपल के साथ लें, दूर हटे क्षय रोग।।
मुलहठी (यष्टिमधु)
प्रतिरोधक क्षमता बढ़े, श्वांसकास हितकार।
जेष्टमधी सेवन करें, वैद्यक नियम विचार।
ब्राह्मी
ब्राह्मी औषध गुण भरी, काटे कई विकार।
बुद्धि वृद्धिकर योग है, बहुल व्याधि प्रतिकार।।
अशोक
पथरी सूजन दर्द को, करता दूर अशोक।
महिला रोगों के लिए,नाम बड़ा इस लोक।।
नीम (निम्ब)
नीम गुणों की खान है, सहज करो सब प्राप्त।
अमृत तुल्य ये पेड़ है, भारत भू पर व्याप्त।।
सहजन
सहजन का हर भाग ही, पौष्टिकता का नाम।
स्वाद सदा उत्तम लगे, और न्यून है दाम।।
तुलसी
पूजनीय यह पौध है, तुलसी गुण की खान।
वात पित्त कफ में सदा, रामबाण ही मान।।
भृंगराज
भृंगराज सेवन करो, रोग त्वचा के दूर।
बालों को अमृत मिले, उदर रोग चकचूर ।।
गिलोय (गुडूचि, अमृता)
तापमान तन का घटा, ज्वर में दे आराम।
जीर्ण शीर्ण हो देह भी, करती अमृता काम।।
शतावरी (शतावर)
गर्भवती सेवन करे, यदि शतावरी चूर्ण।
संग सोंठ अजगंध हो, स्वस्थ रहेगा भूर्ण।।
कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'
प्रज्ञा जी के दोहरे - - -
ReplyDeleteआभार आदरणीय सर।
Deleteसंदेशप्रद सुंदर और सराहनीय दोहे दी।
ReplyDeleteसादर प्रणाम।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार २८ अप्रैल २०२३ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
हृदय से आभार आपका प्रिय श्वेता में पाँचलिंक पर अवश्य उपस्थित रहूंगी।
Deleteसस्नेह।
वाह!कुसुम जी ,लाजवाब दोहे ।
ReplyDeleteबहुत सा स्नेह आभार शुभा जी।
Deleteवाह !!! ये तो बहुत काम के दोहे हैं ।
ReplyDeleteइनके लिए हृदय से आभार ।
जी संगीता जी हमारी वनस्पतियों में बहुत से औषधीय गुण हैं दोहों में तो बस कुछ ही समेट पाई हूं, इन का तो वाकायदा अध्ययन करना चाहिए, स्वास्थ्य वर्धक ज्ञान वर्धक भी।
Deleteसादर सस्नेह।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (30-04-2023) को "आम हो गये खास" (चर्चा अंक 4660) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
जी बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय चर्चा मंच पर उपस्थित रहूंगी।
Deleteसादर।
बहुत खूब !! हमारे जीवन से जुड़े या यूं कहे के हम स्वास्थ लाभ पहुंचाने वाले काम के दोहे।
ReplyDeleteकुसुम जी, आपकी पोस्ट मैंने चोरी कर ली। प्रतिदिन सोमवार को मैं ब्लॉग पर आयुर्वेद से जुड़ी जानकारियां शेयर करती हूं, उसके लिए।
सस्नेह आभार आपका रूपा जी, चोर क्या कभी स्वयं की साक्षी देने आया है।
Deleteहृदय से आभार आपका आप बहुत सार्थक कार्य कर रही हैं।
आगे भी आप चाहें तो औषधीय गुणों युक्त वनस्पतियों पर मेरे दोहे ले सकती हैं आप जब चाहें मुझे सूचित कर दें मैं भेज दूंगी।
सादर सस्नेह।
औषधीय पौधो के बारे में उनके गुणों द्वारा उपचार की विधि दोहों के माध्यम से जानना बहुत अच्छा लगा। नया प्रयोग लगा.. करते रहना चाहिए ऐसे नूतन प्रयोग।
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका कविता जी सही कहा आपने इससे स्वयं की जानकारी तो बढ़ती ही है साथ ही जागरूक लोगों तक जानकारी प्रसारित होती है।
ReplyDeleteसार्थक ऊर्जावान प्रतिक्रिया से लेखन सार्थक हुआ।
हृदय से आभार आपका।
सादर सस्नेह।
बेहद सुंदर और उपयोगी दोहे सखी।
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका सखी।
Deleteसस्नेह।
रामराम कुसुम जी, इतना खूबसूरत कलेक्शन...पूरी तीमारदारी इस रचना से हो जाएगी फिर तो...गज़ब लिखा... Always memorable
ReplyDeleteआपको पोस्ट पर देखकर मन वैसे ही स्नेह से झंकृत हो जाता है अलकनंदा जी, उस पर ऐसी अनुपम प्रतिक्रिया, सस्नेह आभार आपका ।
Deleteबहुत अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteजी हृदय से आभार आपका आदरणीय।
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