Followers

Sunday 10 March 2019

मधुरस मनभावन होली मनाएं 

मधुरस मनभावन होली मनाएं

आवन आतुर मधुमास सखी पवन झकोरा खाए
ऐसो  सुंदर  चाँद  गगन पर  बादल डोली सजाए

छाई  फागुन  रुत मनभावन पात- पात मुस्काए
अली भ्रमित हो डोले व्याकुल कोयल गीत सुनाए

स्वर्णिम सूर्य उदय मुलकित, अन्न धन लाभ बधाए
मां लक्ष्मी मां  सरस्वती  वरदहस्त रखन को आए

प्राणी मात्र हृदय तल बसे सदा सुंदर भाव सुहाए
पर हित खातिर स्नेह बसे उर में अंतर  मन हर्षाए

सभी पुराने बैर  भूलादें मन में प्रेम ज्योति जलाएं
स्नेह प्रेम की सुंदर मधुरस मनभावन होली मनाएं।

                    कुसुम कोठारी ।



19 comments:

  1. सभी पुराने बैर भूलादें मन में प्रेम ज्योति जलाएं
    स्नेह प्रेम की सुंदर मधुरस मनभावन होली मनाएं।ब बहु सुंदर रचना सखी

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत सा आभार प्रिय सखी ।
      उत्साह वर्धन के लिये ।

      Delete

  2. छाई फागुन रुत मनभावन पात- पात मुस्काए
    अली भ्रमित हो डोले व्याकुल कोयल गीत सुनाए... बेहतरीन आदरणीया 👌
    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपकी मनभावन सराहना के लिए बहुत बहुत आभार सखी।

      Delete
  3. आहा...अति सुंदर,मनभावनी, अति मनमोहक शब्दावली से सुसज्जित सरस सृजन..दी वाहह्हह...👌👌

    ReplyDelete
    Replies
    1. प्रिय श्वेता आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया से सचमुच मन आह्लाद से भर गया।
      ढेर सा स्नेह आभार ।

      Delete
  4. अप्रतिम...., अत्यन्त सुन्दर !!!

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार सखी मीना जी ।

      Delete
  5. Replies
    1. ढेर सा स्नेह आभार सखी।

      Delete
  6. बहुत सुंदर

    ReplyDelete
  7. सुंदर रचना ! होली की हार्दिक शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  8. छाई फागुन रुत मनभावन पात- पात मुस्काए
    अली भ्रमित हो डोले व्याकुल कोयल गीत सुनाए

    प्राकृतिक सौंदर्य को शब्दों में बांध लेती हैं आप । बहुत खूबसूरत रचना ।

    ReplyDelete
  9. सभी पुराने बैर भूलादें मन में प्रेम ज्योति जलाएं
    स्नेह प्रेम की सुंदर मधुरस मनभावन होली मनाएं।
    प्रकृति के सौन्दर्य के साथ सुन्दर संदेश समाहित किये सुन्दर सृजन कुसुम जी । होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    ReplyDelete
  10. जला दे
    जला दे
    पुराने सारे बैर
    इस होली में
    सादर..

    ReplyDelete
  11. पुनः आपकी रचना पढ़कर बहुत अच्छा लगा दी।
    बहुत सुंदर मनभावन और सार्थक संदेश से युक्त सराहनीय सृजन।

    सस्नेह।
    सादर।

    ReplyDelete
  12. वाह!कुसुम जी ,बहुत खूबसूरत सृजन ।

    ReplyDelete