Followers

Thursday 22 October 2020

कर्तवय उनमुक्त

 कर्तव्य उन्मुक्त


नीलम सा नभ उस पर खाली डोलची लिये 

स्वच्छ बादलों का स्वच्छंद विचरण

अब  उन्मुक्त  हैं कर्तव्य  भार से 

सारी सृष्टि  को जल का वरदान 

 मुक्त हस्त दे आये सहृदय 

अब बस कुछ दिन यूं ही झूमते घूमना 

चाॅद  से अठखेलियां हवा से होड

नाना नयनाभिराम रूप मृदुल श्वेत 

चाँद  की चाँदनी में चाँदी सा चमकना

उड उड यहां वहां बह जाना फिर थमना

धवल शशक सा आजाद  विचरन करना

कल फिर शुरू करना है कर्म पथ का सफर

फिर  खेतों में खलिहानों में बरसना

फिर पहाडों पर नदिया पर गरजना

मानो धरा को सींचने स्वयं को न्योछावर होना। 


               कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'


19 comments:

  1. Replies
    1. जी सादर आभार, उत्साह वर्धन हुआ।

      Delete
  2. कर्तव्य उन्मुक्त अप्रीतम

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत सा आभार।
      उत्साह वर्धक प्रतिक्रिया।

      Delete
  3. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत सा आभार उत्साह वर्धन हुआ।
      सस्नेह।

      Delete
  4. Replies
    1. बहुत बहुत आभार आदरणीय।

      Delete
  5. स्वच्छ बादलों का स्वच्छंद विचरण

    अब उन्मुक्त हैं कर्तव्य भार से

    सारी सृष्टि को जल का वरदान

    मुक्त हस्त दे आये सहृदय

    अब बस कुछ दिन यूं ही झूमते घूमना

    बरसात के बादल जो समूची धरा को पानी देने के कर्तव्य का निर्वहन कर अब खाली डोलची लिए उन्मुक्त नजर आ रहे हैं ....बहुत ही सुन्दर मनमोहक सृजन...अद्भुत कल्पनाशक्ति
    वाह!!!

    ReplyDelete
    Replies
    1. सस्नेह आभार सुधा जी आपकी विश्लेषणात्मक सुंदर प्रतिक्रिया से रचना का मोल बढ़ गया।
      बहुत बहुत सा स्नेह।

      Delete
  6. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२४-१०-२०२०) को 'स्नेह-रूपी जल' (चर्चा अंक- ३८६४) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    अनीता सैनी

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार आपका, चर्चा मंच पर रचना को शामिल करने के लिए,मैं उपस्थित रहूंगी।
      सादर।

      Delete
  7. प्रकृति की सिद्धहस्त चितेरी हैं आप । मनमोहक भावाभिव्यक्ति ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार आपका मीना जी ,आपकी प्रतिक्रिया से मन प्रसन्न हुआ।
      सस्नेह।

      Delete
  8. Replies
    1. बहुत बहुत आभार आपका।
      ब्लाग पर सदा स्वागत है आपका।

      Delete
  9. बेहतरीन रचना सखी

    ReplyDelete
  10. आज पहली बार आपकी कुछ रचनाएँ पढने का सौभाग्य मिला | वास्तव में आप अच्छा लिख रही हैं |बहुत बहुत शुभ कामनाएं |

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी बहुत बहुत आभार आपका।
      फर्लांग पर सदा स्वागत है आपका ,आते रहिए।🙏

      Delete