Followers

Sunday 29 December 2019

नव वर्ष का नव विहान

नव वर्ष का नव विहान!

आओ सब मिल करें आचमन।

भोर की लाली लाई
आदित्य आगमन की बधाई ,
रवि लाया एक नई किरण
संजोये जो,सपने सब हो पूरण,
पा जायें सच में नवजीवन ,
उत्साह की सुनहरी धूप का उजास
भर दे सब के जीवन में उल्लास ।
आओ सब मिल करें आचमन।

साँझ ढले श्यामल चादर
जब लगे ओढ़ने विश्व!
नन्हें नन्हें दीप जला सब
प्रकाश बिखेरो चहुँ ओर ,
दे आलोक, हरें हर तिमिर,
त्याग अज्ञान मलीन आवरण
सब ओढ ज्ञान का परिधान पावन।
आओ सब मिल करें आचमन।

मानवता भाव रख अचल,
मन में रह सचेत प्रतिपल,
सह अस्तित्व ,समन्वय ,समता ,
क्षमा ,सजगता और परहितता
हो सब के रोम रोम में संचालन
सब प्राणी पाये सुख,आनंद
बोद्धित्व का हो घनानंद।
आओ सब मिल करें आचमन।

लोभ मोह जैसे अरि को हरा
दे ,जीवन को समतल धरा ,
बाह्य दीप मालाओं के संग
प्रदीप्त हो दीप मन अंतरंग
जीवन में जगमग ज्योत जले,
धर्म ध्वजा सुरभित अंतर मन
सब जीव दया का पहन के वसन ।
आओ सब मिल करें आचमन।।

          कुसुम कोठारी ।

3 comments:

  1. लोभ मोह जैसे अरि को हरा
    दे ,जीवन को समतल धरा ,
    बाह्य दीप मालाओं के संग
    प्रदीप्त हो दीप मन अंतरंग
    शुभेच्छाओं से सुसज्जित अत्यंत मनोरम सृजन 👌👌
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं कुसुम जी ।

    ReplyDelete
  2. लाजवाब
    नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 💐

    ReplyDelete
  3. बेहद खूबसूरत रचना सखी 👌

    ReplyDelete