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Thursday 20 April 2023

दोहे नीति के

दोहे नीति के 


१)करो प्यार निज देश से, इससे बढ़ता मान।

यही हमारा गर्व हो, यही हमारी आन।।


२)जल को जीवन जानिये, और मानिए प्राण।

जल बिना इस सृष्टि में, रहे न कोई त्राण।


३)भूगर्भा है भूमिजा, रखे क्षमा का रूप।।

पूजे हलधर प्रेम से, मान देवी स्वरूप।।


४)नारी बस कोमल नही, काम पड़े तलवार।

चंदा सी शीतल सही, नेत्र बाण की धार।।


५)कर्म निरंतर जो करे, वो पाते हैं लक्ष्य।

थककर कभी न बैठना, कर्म ही सुदृढ़ पक्ष्य।।


६)कठिन काम को साधते, श्वेद बहे दिन रात।

कर्मकार की साधना, भूले मोह स्व गात।।


७)भाव बिना तो शब्द भी, होते कोरा जाल।

चंदन संग सुगंध ही, चढे ईश के भाल।। 


८)अपना घर प्यारा लगे, जैसे हो निज पूत।

चादर मन भावन बने, जोड़ जोड़कर सूत।।


९)निर्बाधित गति काल की, कौन लगाए रोक।

कभी गहन अंधेर है ,कभी शुभ्र आलोक।।


१०)सबका साथ रहे सदा, हो जीवन में प्यार।

हार विजय का हो गले,आए कभी न हार।।


 कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'

 

8 comments:

  1. अति सुन्दर दोहे, साधुवाद.

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    1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज रविवार (23-04-2023) को  "बंजर हुई जमीन"    (चर्चा अंक 4658)   पर भी होगी।
      --
      चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
      जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
      --
      डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

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    2. हृदय से आभार आपका आदरणीय।
      मैं अभिभूत हूँ।
      सादर।

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    3. हृदय से आभार आपका विमल कुमार शुक्ल जी सृजन सार्थक हुआ आपकी प्रतिक्रिया से।
      सादर।

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज रविवार (23-04-2023) को  "बंजर हुई जमीन"    (चर्चा अंक 4658)   पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज रविवार (23-04-2023) को  "बंजर हुई जमीन"    (चर्चा अंक 4658)   पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

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  4. जीवन को सुंदर बनाने के लिए बोध देते दोहे

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    1. हृदय से आभार आपका।
      सस्नेह।

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