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Thursday, 18 June 2020

महारानी लक्ष्मीबाई।

आज महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर ।
शब्दों के श्रृद्धा सुमन।

देश का गौरव
वीर शिरोधार्य थी।

द्रुत गति हवा सी
चलती तेज धार थी।

काटती शीश सहस्र
दुश्मनों का संहार थी।

आजादी का जूनून
हर ओर हुंकार थी।

वीरांगना अद्भुत
पवन अश्व सवार थी।

दुश्मनों को धूल चटाती
हिम्मत की पतवार थी।

मुंड खच काटती
दोधारी तलवार थी।

रूकी नही झुकी नही
तेज चपल वार थी।

कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'

5 comments:

  1. वीरांगना को शत शतनमन।
    सुंदर लेखन।

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  2. खूब लड़ी मर्दानी थीं वो तो झांसी वाली रानी थी
    नमन वीरांगना को

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  3. अमर वीरांगना लक्ष्मी बाई को उनकी 243वीं पुण्य तिथि पर नमन।

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  4. वाह!लाजवाब सृजन आदरणीय दीदी.
    अमर वीरांगना लक्ष्मी बाई को नमन।
    सादर

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  5. सुंदर लाजवाब सृजन, मैम...वीरांगना लक्ष्मी बाई को सादर नमन

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