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Tuesday, 30 April 2019

कैसी शुभकामनाएं


आज विश्व श्रमिक दिवस किस को दूं शुभकामनाएं?

मेहनतकश आज भर की
जुगाड़ नही कर पाता
कल की क्या सोचे,
भुखा बिलखता बचपन
पेट भी नही भर पाता
पढने की क्या सोचे ,
कैसी विडम्बना है कि कोई
महल दो महले पाकर भी खुश नही   
और कोई एक वक्त का
काम मिलते ही खुश हो जाता
यही है सत्य का बिलखता चेहरा
पर कोई देखना नही चाहता  ।

          कसुम कोठारी ।

3 comments:

  1. श्रमिक दिवस पर बहुत बढ़िया कविता

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  2. मजदूर वर्ग की मजबूरी का यथार्थ अंकन ।

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  3. जी कुसुम बहन सचमुच समझ नहीं आता शुभकामनायें किसे दें ? कर्म पथ के ये पथिक इन दुनियावी आडम्बरों से अनजान हैं | सस्नेह -

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