Followers

Sunday 7 March 2021

मधुमास


 मधुमास


मधुबन में मधुमास मगन है

रंग व्योम से बरसे

धरा ओढ़कर नवल चुनरियाँ 

पिया मिलन को तरसे।


बारिश बूँद मन मीत क्षिति का

कब सुध लेगा आकर 

पीले पात झरे शाखा से 

नवल कोंपलें  पाकर 

खेतों में अब सरसों फूली

मिंझर डाली निरसे।।


सुरभित मधुर वात आलोडित

पात नाचते खर खर 

जंगल में दावक से दिखते

सुपर्ण गिरते झर झर

शरद बीत बसंत की बेला

निसर्ग झूमे हरसे।।


पंकज दल आच्छादित सर में

ढाँक दिये पानी को

सिट्टे भी घूंघट से झांके

सहृदय ऋतु दानी को

बसंत है ऋतु ओं का राजा

चैत्र मास में सरसे ।।


कुसुम कोठारी "प्रज्ञा"

21 comments:

  1. प्रकृति का मोहक रूप आपकी रचनाओं में पुष्प मे मकरंद सा समाया रहता है । अप्रतिम भावाभिव्यक्ति.

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया सदा लेखन को नव उर्जा प्रदान करती है मीना जी,और सदैव मुझे कुछ और अच्छा कर पाऊं के लिए प्रेरित करती है ।
      सदा स्नेह मिलता रहे ।
      सस्नेह आभार।

      Delete
  2. अति उत्तम ,बहुत सुंदर रचना , महिला दिवस की ढेरों बधाई हो आपको, नमन

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी आपको भी विगत 8 तारिख , महिला दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।
      आपकी स्नेहिल सराहना का हृदय तल से आभार।
      सस्नेह।

      Delete
  3. अति मनमोहक,नये उपमानों,समृद्ध शब्दावली और मोहक भाव़ों से सजी बासंती रचना दी।
    प्रकृति चित्रण में आप बेजोड़ है दी।
    सस्नेह बधाई
    शुभकामनाएं
    सादर।

    ReplyDelete
    Replies
    1. ढेर सा स्नेह श्वेता आप हमेशा मेरे लेखन को अपनी समृद्ध टिप्पणी से अनमोल कर देती हो ।
      ढेर ढेर सा स्नेह।

      Delete
  4. बहुत सुन्दर।
    अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी सादर आभार आदरणीय।
      आपकी स्नेहिल शुभकामना सदा शुभम् होती है।
      सादर।

      Delete
  5. बसंत ऋतु का मनमोहक दृश्य झूम झूमकर नाच गया नैनों के सम्मुख..बहुत ही सुंदर सार्थक कृति..

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार आपका जिज्ञासा सी आपकी टिप्पणियां सच में रचना को नया आयाम देती है।
      सस्नेह।

      Delete
  6. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, कुसुम दी।
    महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    ReplyDelete
  7. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, कुसुम दी।
    महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार आपका ज्योति बहन
      आपको भी महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

      Delete
  8. बहुत खूबसूरत प्रकृति वर्णन । सुंदर रूपकों से सजी मनभावन रचना ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपकी विशिष्ट प्रतिक्रिया से रचना मुखरित हुई।
      बहुत बहुत आभार आपका।
      सस्नेह।

      Delete
  9. खूबसूरत रचना।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।
      सादर।

      Delete
  10. खूबसूरत प्रकृति वर्णन हार्दिक शुभकामनाएँ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार आपका उत्साहवर्धन हुआ।
      सादर।

      Delete
  11. बहुत बहुत आभार आपका।
    सादर।

    ReplyDelete
  12. प्राकृति के सुन्दरतम रूप को बाखूबी रचना में उतारा है ... बहुत लाजवाब ...

    ReplyDelete