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Tuesday 12 January 2021

सुनहरा लड़कपन


 सुनहरा लड़कपन


बचपन का वो समय सुहाना

पैठ रहा गहरे गहरे।


गीली मिट्टी पाल बांध कर

मोहक नव रचना करते

महल सिपाही इक खाई  

शेर चिते भालू भरते

बोल घरोंदा नित कुछ कहता

स्वप्न रात ठहरे ठहरे।।


परी लोक तक दौड़ लगाते

कितने जाले बुनते थे

माँ पिता और गुरूजनों को

बड़े ध्यान से सुनते थे

और अभी तक वो पावन पल

आंखों में लहरे लहरे।।


लेकर हाथों में पुस्तक को

करते ढोंग पढ़ाई का 

शत्रु दल को कैसे पछाड़ें

बनता ढ़ांच चढाई का

सब वर्जना हवा में उड़ती

तोड़ सभी पहरे पहरे।।


कुसुम कोठारी'प्रज्ञा'

21 comments:

  1. बेहद खूबसूरत नवगीत सखी।

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    1. बहुत बहुत आभार सखी, प्रोत्साहित करती सुंदर प्रतिक्रिया।सस्नेह।

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  2. बहुत बहुत सुन्दर

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    1. जी बहुत बहुत आभार आपका।
      संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  3. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 14.01.2021 को चर्चा मंच पर दिया जाएगा| आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी
    धन्यवाद

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    1. बहुत बहुत आभार आपका,मैं मंच पर उपस्थित रहूंगी।
      चर्चा मंच पर रचना का शामिल होना सदा मनभावन है ।
      सादर।

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  4. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 2008...आज सूर्य धनु राशि से मकर राशि में...) पर गुरुवार 14 जनवरी 2021 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!



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    1. बहुत बहुत आभार आपका,पाँच लिंक पर रचना का आना सदा सुखकर है,मैं उपस्थित रहूंगी ।

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  5. बालसुलभ मन के सौंदर्य को उकेरती मनमोहक रचना..

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    1. रचना पर आपकी प्रतिक्रिया रचना को सुंदर अर्थ दे रही है।
      सस्नेह आभार आपका।

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  6. सुन्दर प्रस्तुति।
    मकर संक्रान्ति का हार्दिक शुभकामनाएँ।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय,आपको भी संक्रांति पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं।
      सादर।

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  7. बचपन को बांधता , संभालता संवरता लेखन
    सादर

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    1. बहुत बहुत आभार आपका आपकी प्रतिक्रिया से उत्साह वर्धन हुआ ।
      ब्लाग पर सदा स्वागत है आपका।

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  8. सुंदर रचना।
    मकर संक्रान्ति का हार्दिक शुभकामनाएँ।

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    1. बहुत बहुत स्नेह आभार ज्योति बहन।
      आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएं,मकर संक्रांति की।
      सस्नेह।

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  9. बेहतरीन नवगीत सखी
    मकर संक्रांति पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं 💐

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    1. ढेर सा आभार सखी।
      उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया।
      मकर संक्रांति पर्व पर आपको व पूरे परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं।

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  10. वाह!सुंदर सृजन कुसुम जी । मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँँ ।

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  11. मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँँ आपको भी सह परिवार शुभा जी।
    सस्नेह आभार।

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  12. बचपन की स्मृतियों का जीवन्त चित्रण.. अत्यंत सुन्दर भावभीनी
    कृति ।

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