Followers

Wednesday 13 September 2023

हिन्दी कुशल सखी


 विश्व हिन्दी दिवस पर हार्दिक बधाई 💐💐


हिन्दी कुशल सखी


काव्य मंजूषा छलक रही है

नित-नित मान नवल पाये।

हिन्दी अपने भाष्य धर्म से

डगर लेखनी दिखलाये।।


भाव सरल या भाव गूढ़ हो

रस मेघों से आच्छादित

कविता मन को मोह रही है 

शब्द शक्तियाँ आल्हादित

प्रीत उर्वरक गुण से हिन्दी

संधि विश्व को सिखलाये।।


हिन्दी कवियों को अति रुचिकर 

कितने ग्रंथ रचे भारी

राम कृष्ण आदर्श बने थे

जन मन की हर दुश्वारी 

मंदिर का दीपक यह हिन्दी

विरुदावली भाट गाये ।।


जन आंदोलन का अस्त्र महा

नाट्य मंच का स्तंभ बनी

चित्रपटल संगीत जगत का

हिन्दी ही उत्तंभ बनी

अब नहीं अभिख्यान अपेक्षित 

यश भूमंडल तक छाये।।


कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'।

11 comments:

  1. वाह! कुसुम जी ,बेहतरीन सृजन! हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ🌷🌷

    ReplyDelete
  2. हिंदी की महिमा का गुणगान,जिसके सामने फीके दिनमान।
    बहुत सुंदर रचना दी।
    सस्नेह प्रणाम
    सादर
    -----
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार १५ सितंबर २०२३ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    ReplyDelete
  3. हिंदी सहचरी ! बहन मुँहबोली !
    स्नेह पगी अभिव्यक्ति रसभरी !

    ReplyDelete
  4. बहुत सुन्दर रचना कुसुम जी.
    लेकिन याद रहे कि हिंदी का गुणगान साल में केवल एक दिन तक या फिर एक पखवाड़े तक, सीमित न रहे.

    ReplyDelete
  5. हिन्दी की गरिमा और सम्मान यश रथ दिनोंदिन लोकप्रियता के नव सोपान निर्मित करता रहे ।बहुत सुन्दर भावों से सुसज्जित अत्यंत सुन्दर कृति । सादर सस्नेह वन्दे कुसुम जी !

    ReplyDelete
  6. हिन्दी कवियों को अति रुचिकर

    कितने ग्रंथ रचे भारी

    राम कृष्ण आदर्श बने थे

    जन मन की हर दुश्वारी

    मंदिर का दीपक यह हिन्दी

    विरुदावली भाट गाये ।।
    अफसोस कि अब हिंदी साहित्य और कवियों तक ही सिमटती जा रही है
    बहुत ही लाजवाब सृजन
    वाह!!!

    ReplyDelete
  7. बहुत अच्छी कविता. बधाई और हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  8. बहुत सुंदर रचना,

    ReplyDelete