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Friday 18 September 2020

भावों के चंदन

 भावों के चंदन


भावों के चंदन जब महके

पतझर हो जाते मधुबन

स्निग्ध होते पाषाण भी जब

चीर फूटते स्रोत सघन।।


दृग राघव के पंकज सदृश्य

कालिमा में श्याम दिखते

भौरें की गुंजन सरगम सी

पात शयन मुक्ता करते 

अनुराग झरता मोद अंतस

सुवासित होता मन चमन।।


तारे तोड़ धरा पर लाता  

दिग-दिगंतों में भटकता 

आडोलित हो सरि तंरग सा

हर चहक में फिर अटकता

कोरे पृष्ठों पर कोरी सी

नित्य पढ़े कविता ये मन।।


हवा हिण्ड़ोले मेघ रमते 

झिलमिलाती दीप मणियाँ 

मुकुर सलिल छवि चंदा निरखे

उर्मियों से हीर कणियाँ

बिन आखर शुभ्र श्वेत पन्ने 

अभिवृत्तियाँ करती रमन।।


कुसुम कोठारी'प्रज्ञा'।


25 comments:

  1. Replies
    1. बहुत बहुत आभार आदरणीय।

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  2. बहुत सुंदर कलकल छलछल निनाद-सा गुंजित शब्द-निर्झर।

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    1. आपकी मोहक टिप्पणी से लेखन में उर्जा का संचार हुआ ।
      और मेरा उत्साह वर्धन हुआ ।
      बहुत बहुत आभार।

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  3. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 19 सितंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. बहुत बहुत आभार आपका यशोदा जी ।
      मुखरित मौन पर रचना का होना मेरे लिए उर्जा का संचार है। मैं मंच पर उपस्थित रहूंगी।
      सादर।

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  4. बहुत-बहुत सुंदर रचना।वाह

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    1. बहुत बहुत आभार आपका सखी ।
      ब्लाग पर आपकी उपस्थिति से उत्साह वर्धन हुआ।
      सस्नेह।

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  5. सखी आप की रचनाओं में डूबने का मन करता है

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    1. आपकी मोहक टिप्पणी से मन प्रसन्न हुआ सखी ,सदा उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया आपकी।
      सस्नेह।

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  6. Replies
    1. बहुत बहुत आभार आपका।
      ब्लाग कर आपका सदा स्वागत है।
      सादर।

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  7. Replies
    1. बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।
      उत्साहवर्धन हुआ।
      सादर।

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  8. बहुत सुंदर शब्द प्रवाह !!!

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    1. बहुत बहुत आभार आपका मीना जी ।
      उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया आपकी ।
      सस्नेह।

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  9. Replies
    1. बहुत बहुत आभार आपका।
      मंच पर सदा स्वागत है आपका।

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  10. भाव पूर्ण मंत्र मुग्ध करता नवगीत

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    1. बहुत सा स्नेह आभार सखी।
      ब्लाग पर स्वागत है आपका ।

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  11. चर्चा मंच पर उपस्थित रहूंगी, चर्चा मंच पर रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।

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  12. बहुत बहुत आभार आपका।

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  13. बहुत ही सुन्दर मनभावन सा लाजवाब नवगीत
    वाह!!!

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  14. बेहद खूबसूरत नवगीत सखी।

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  15. सुन्दर अभिव्यक्ति - - नमन सह।

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