मन की वीणा - कुसुम कोठारी।
Wednesday, 17 July 2024
सावन मनभावन
›
सावन मनभावन ऋतु का सुंदर रूप उजागर सावन आतुर है आने को। मन वीणा में सरस रागिनी गान खुशी का अब गाने को। ओस कणों के संग सुनहली, उर्मिल देखो...
12 comments:
Sunday, 7 April 2024
गीतिका
›
गीतिका हार गले में फूलों के हो श्रम से मोती लाना होगा। कठिन नहीं होगा अब कुछ भी गीत जीत का गाना होगा। दृढ़ता से आगे बढ़लें तो राहें सदा मि...
7 comments:
Wednesday, 21 February 2024
निसर्ग अद्भुत
›
चामर छंद आधारित गीत चातकी गुहार भी सदैव मोह में ढली। बीतती हुई निशा बड़ी लगे भली- भली। नीलिमा अनंत की वितान रूप नील सी। मंजुला दिखे निहारिक...
13 comments:
Tuesday, 6 February 2024
निशा की ओर
›
अरविंद सवैया निशा की ओर ढलता रवि साँझ हुई अब तो, किरणें पसरी चढ़ अंबर छोर। हर कोण लगे भर मांग रहा, नव दुल्हन ज्यों मन भाव विभोर। खग लौट रहे...
8 comments:
Sunday, 21 January 2024
निशा के कौतुक
›
निशा के कौतुक नव पल्लव की सेज सजी है पसरी उनपर उर्मिल शीतल विटप शाख का सरस झूलना प्रभाकीट का मचल रहा दल।। सुमन सो रहे नयन झुकाए तारक दल करत...
2 comments:
Saturday, 13 January 2024
सूरज की संक्रांति
›
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं। रवि ने ओढ़ी आज रजाई मुंह ढाप कर सोए। कितने दिवस बाद कश्यप सुत सुख सपने में खोए। पोष मास में सूर्य देव ...
3 comments:
Friday, 12 January 2024
युवा दिवस
›
राष्ट्रीय युवा दिवस पर समस्त युवा शक्ति को हार्दिक शुभकामनाएँ 🌹 युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षाएं उठो युवाओं नींद से, बढ़ो चल...
1 comment:
›
Home
View web version