Followers

Wednesday 18 October 2023

नेता ऐसे ऐसे


 नेता ऐसे ऐसे 


मौका आया रंग दिखा कर

बिना बात ही अंगद बनिए

टाँग जमा दें अपनी ऐसे

बिदकी घोड़ी बन कर अड़िए।


चोरी डाका भी डालें तो

अपना चोला रखें बचाकर

साम दाम की अधम कटारी

बात -बात में चले नचाकर

अपना कपटी मन कब हारा

छल बल से सौ-सौ कपट किए।।


अपनी सोचें जग को गोली

तेली के घर जाए निष्ठा

गाँठ टका हो मोटा भइया

माला आती लिए प्रतिष्ठा

मन दिगम्बरी खोट छिपे तो

जाली को ही वस्त्र समझिए।।


ऐसे गुणी प्रतापी बाँधव

अगर देश की शान सँवारे

ढोल पीटते मानवता का

राह भ्रमित से करते नारे

भरपाई करने को नित ही

सौ आश्वासन उपहार दिए।।


कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'

11 comments:

  1. Replies
    1. जी हृदय से आभार आपका सृजन को सार्थकता मिली आपकी बहुमूल्य टिप्पणी से।

      Delete
  2. नेता है ऐसे-ऐसे ही होंगे।
    विचारणीय अभिव्यक्ति दी। बहुत सुंदर रचना
    प्रणाम
    सादर।
    -----
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार २० अक्टूबर२०२३ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    ReplyDelete
    Replies
    1. सस्नेह आभार आपका, रचना को पाँच लिंकों पर प्रस्तुत करने से रचना समर्थवान हुई।
      सस्नेह।

      Delete
  3. चोरी डाका भी डालें तो
    अपना चोला रखें बचाकर
    साम दाम की अधम कटारी
    बात -बात में चले नचाकर
    अपना कपटी मन कब हारा
    वाह वाह वाह बहुत सुंदर पंक्तियाँ

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी हृदय से आभार आपका सृजन को सार्थकता मिली आपकी बहुमूल्य टिप्पणी से।

      Delete
  4. बहुत ही सुंदर ! हमारे चहुँ ओर बिखरी हैं ऐसी ही प्रतिभाएं

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी हृदय से आभार आपका सृजन को सार्थकता मिली आपकी बहुमूल्य टिप्पणी से।

      Delete
  5. बहुत उत्तम चित्रण ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी हृदय से आभार आपका सृजन को सार्थकता मिली आपकी बहुमूल्य टिप्पणी से।

      Delete
  6. अपनी सोचें जग को गोली

    तेली के घर जाए निष्ठा

    गाँठ टका हो मोटा भइया

    माला आती लिए प्रतिष्ठा

    मन दिगम्बरी खोट छिपे तो

    जाली को ही वस्त्र समझिए।।
    वाह!!!!
    बहुत ही सटीक एवं अद्भुत
    लाजवाब सृजन ।

    ReplyDelete